भोपाल। आज से आपका वोटर आईडी कार्ड Voter ID Card हाईटेक होने जा रहा है. क्योंकि वोटर आईडी में कई अहम बदलाव होने जा रहे हैं. भारत निर्वाचन आयोग ने वोटर आईडी में कई अहम बदलाव करने के आदेश जारी किए हैं. आज से वोटर आईडी कार्ड को अपने आधार कार्ड Aadhar card से लिंक करने के लिए ऑनलाइन online और ऑफलाइन offline आवेदन किया जा सकेंगे. इसके अलावा भी कई और बदलाव होने जा रहे हैं, जिसकी जानकारी हम आपको बता रहे हैं. 


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17 साल की आयु वाले भी वोटर कार्ड के लिए अप्लाई कर सकेंगे
अब 17 साल की आयु वाले भी वोटर कार्ड के लिए अप्लाई कर सकेंगे, क्योंकि अगले आम चुनाव तक उनकी उम्र 18 साल हो जाएगी और उनका वोटर आईडी कार्ड बनकर उनके पास पहुंच जाएगा. अब नए वोटर आईडी कार्ड में तहसील और मंडल की जानकारी भी डाली जाएगी, जबकि वोटर लिस्ट से किसी का नाम हटाने के लिए प्रूफ के साथ जानकारी देनी होगी. वही 17 वर्ष की आयु में भी वोटर कार्ड बनवाने के लिए अप्लाई किया जा सकेगा. इसके अलावा 18 साल की आयु प्राप्त करने के बाद अब सभी लोग सालभर अपना नाम वोटर आईडी कार्ड में जुड़वा सकेंगे. 


आज से वोटर कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. वोटर कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने के लिए जगह-जगह कैंप भी लगाया जाएगा, जिसके लिए नए पुराने दोनों मतदाता ऑफलाइन ऑनलाइन अप्लाई कर सकेंगे. खास बात यह है कि अब वोटर कार्ड को नये सुरक्षा मानकों के साथ जारी किया जाएगा. 


मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस 
भोपाल में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन पत्रकार वार्ता में यह पूरी जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि पहले की तुलना में वोटर आईडी को और सिक्योर करने की तैयारी पूरी हो गई है. इसलिए अब वोटर आईडी में होलोग्राम और क्यूआर कोड भी रहेगा. इसके लिए मतदाता अब साल में चार दिन निर्वाचक नामावली में अपना नाम जुड़वा सकेंगे. एक जनवरी, एक अप्रैल, एक जुलाई और एक अक्टूबर के दिन तय किए गए हैं. क्योंकि पहले केवल एक जनवरी को ही आवेदन करने का प्रावधान था. 


चार दस्तावेज से जुड़ सकेंगे नाम 
वहीं अब वोटर आईडी कार्ड बनवाने और वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वाने के लिए आधार कार्ड के अलावा अन्य 11 दस्तावेजों के साथ अपना नाम जुड़वा सकते हैं. पहले सिर्फ़ एक जनवरी को मानकर जोड़े जाते थे नाम. 4 अगस्त से शुरू होगा आधार से वोटर आईडी को लिंक. जबकि अब मतदाता हाईटेक रंगीन एपिक कार्ड प्राप्त कर सकेंगे. 


हालांकि सभी मतदाताओं का आधार नंबर एकत्रित करने के लिए 1 अप्रैल का लक्ष्य तय किया गया है. हालांकि आधार नंबर देना या न देना स्वेक्षिक रखा गया है. इसका मुख्य उद्देश्य मतदाताओं की पहचान स्थापित करना और एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में एक ही व्यक्ति के नाम के पंजीकरण या एक से अधिक बार उसी निर्वाचन क्षेत्र में पंजीकरण की पहचान करना है.