बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री वृद्धाश्रम में हुए भावुक, बोले- भगवान ऐसी औलाद किसी को न दें
पिछले कुछ दिनों से देश प्रदेश की सुर्खियों में रहने वाले बागेश्वधाम के पीठाधीश्वर कथा वाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों दमोह में है और रामकथा कर रहे हैं. कथा से अलग गुरुवार की देर शाम अचानक वो शहर के वृद्धाश्रम पहुंचे तो बुजुर्गों से मिलकर बेहद भावुक हो गए.
महेन्द्र दुबे/दमोह: पिछले कुछ दिनों से देश प्रदेश की सुर्खियों में रहने वाले बागेश्वधाम के पीठाधीश्वर कथा वाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों दमोह में है और रामकथा कर रहे हैं. कथा से अलग गुरुवार की देर शाम अचानक वो शहर के वृद्धाश्रम पहुंचे तो बुजुर्गों से मिलकर बेहद भावुक हो गए. शास्त्री ने वृद्धाश्रम में रह रहे एक एक बुजुर्ग से व्यक्तिगत मुलाकात की और उन्हें गर्म कपड़े भेंट किये. इतना ही नही उन्होंने यहां के बुजुर्गों से आशीर्वाद भी लिया.
आंखें हुई नम
वृद्धाश्रम में कई ऐसे भावुक क्षण भी आये जब कथावाचक की आंखें नम भी हुई और बुजुर्गों ने उन्हें बच्चो की तरह लाड़ दुलार भी दिया. इस सब के बाद मीडिया के सामने आए पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने रुंधे गले से बात करते हुए साफ कहा कि ईश्वर ऐसी संताने किसी को न दे जो संताने बुजुर्ग मां बाप को ऐसी जगहों पर छोड़ कर चले जाएं. शास्त्री ने समाज से अपील भी की है कि लोग अपने माता पिता की सेवा करें यही नारायण सेवा है.
डूब कर मर जाना चाहिए
भारत का दुर्भाग्य है और भारत के उन पुत्रों का दुर्भाग्य है कि उनके पिता वृद्धाश्रम में है. ऐसे लड़कों को डूब कर मर जाना चाहिए. ऐसे बेटों को उद्धार न हो तो अच्छा है. भगवान करे ऐसा दिन किसी पिता को न दिखाएं. ऐसे बेटों को भगवान जन्म ना दे, तो अच्छा जो अपने पिता को वृद्धाश्रम में भेजते हैं.
पंडाल में जाकर बुजुर्ग सुनेंगे कथा
पीठाधीश्वर ने कहा कि उन्होंने दमोह विधायक से कहा है कि कल वृद्धाश्रम के सभी बुजुर्गों को कथा सुनाने लेकर आएं. उन्होंने कि एक बस की व्यवस्था की जाए, जिसमें सभी बुजुर्ग आराम से बैठकर पंडाल में पहुंचेंगे और कथा सुनने के बाद वापस आ जाएंगे.