प्रमोद शर्मा/भोपाल। मध्य प्रदेश में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद लगातार नए खुलासे हो रहे हैं. पीएफआई मामले में अब एक और बड़ा खुलासा हुआ है. PFI राजस्थान के कोटा के बाद मध्य प्रदेश के एक शहर को अपना दूसरा सबसे बड़ा ट्रेनिंग सेंटर बनाने की तैयारी में थी. इसके लिए PFI ने तैयारियां भी शुरू कर दी थी. इसके लिए PFI ने बड़ी तैयारी की थी. जिसका खुलासा पूछताछ में हुआ है. 


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श्योपुर को बड़ा ट्रेनिंग सेंटर बनाने की थी कोशिश 
दरअसल, PFI मध्य प्रदेश के श्योपुर शहर को अपना दूसरा सबसे बड़ा ट्रेनिंग सेंटर बनाने की तैयारियों में जुटा था. PFI ने जांच एजेंसी की रडार से बचने के लिए श्योपुर को चुना था, जबकि इससे पहले उन्होंने राजस्थान के कोटा पर अपना पूरा फोकस किया था. यही वजह थी कि PFI कोटा के बाद श्योपुर में दूसरा सबसे बड़ा ट्रेनिंग सेंटर बनाने की तैयारी में थी. 


यह थी पूरी प्लानिंग 
बताया जा रहा है कि श्योपुर में कोई दूसरे आतंकी संगठन का अड्डा नहीं था, ऐसे में पीएफआई यहां अपना बड़ा नेटवर्क स्थापित करने की तैयारी में था, क्योंकि इससे जांच एजेंसियों को PFI पर शक नहीं होता. PFI सिमी नेटवर्क का इस्तेमाल कर खुद को मजबूत कर रहा था, इसके अलावा श्योपुर को चुनने की दूसरी सबसे बड़ी वजह यह भी थी यह कोटा से ज्यादा दूरी पर नहीं था. ऐसे में पीएफआई कोटा से श्योपुर के बीच अपना पूरा नेटवर्क आगे बढ़ाना चाहती थी. 


जांच एजेसियों ने बताया कि सिमी, जेएमबी के बाद PFI मध्य प्रदेश को अपना गढ़ बनाना चाहता था, पकड़े गए PFI मेंबरों से पूछताछ में ATS को यह अहम जानकारी मिली है. बता दें कि इंदौर और उज्जैन में PFI के सदस्यों की गिरफ्तारी बाद अब दूसरे शहरों से भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं.  पूछताछ के आधार पर ATS टीम सर्चिंग में जुटी हुई है. बता दें कि इन गिरफ्तारियों के बाद से ही PFI के कई सदस्य ATS की रडार पर बने हुए हैं. 


11 राज्यों में हुई थी कार्रवाई 
बता दें कि 22 सितंबर को एनआईए (NIA) ने मध्य प्रदेश के साथ देश के 11 राज्यों में PFI के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की थी, एमपी के इंदौर और उज्जैन में भी छापामार कार्रवाई हुई थी, जहां से चार लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. PFI के चारों सदस्यों को एमपी ATS ने भोपाल के NIA कोर्ट में पेश किया था, कोर्ट ने चारों PFI सदस्यों को ATS रिमांड पर सात दिनों के लिए भेजा है. NIA ने PFI के चारों सदस्यों का मेडिकल कराया था, अब्दुल करीम इंदौर, अब्दुल खालिद इंदौर, मोहम्मद जावेद इंदौर, अब्दुल जमील शेख उज्जैन नाम के चार शख्स एएनआई की गिरफ्त में हैं.