Bhopal News: शहर के एक प्राइवेट अस्पताल से एक बेहद ही अजब मामला सामने आ रहा है. जहां एक महिला डॉक्टर को कुर्सी पर पैर रखकर बैठना भारी पड़ गया है. कैलाश नाथ काटजू अस्पताल की डॉक्टर का कुर्सी पर पैर रखकर बैठे एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर ने तुरंत ही उस महिला डॉक्टर से लिखित में स्पष्टीकरण मांग लिया. वैसे ये हॉस्पिटल इससे पहले भी सुर्खियों में रहा है. साल 2023 में एक महिला डॉक्टर ने तत्कलीन अधीक्षक पर उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. अब ये मामला भी तूल पकड़ रहा है. 


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कुर्सी पर बैठने का फोटो वायरल
दरअसल, 8 अप्रैल को सोशल मीडिया पर भोपाल के कैलाश नाथ काटजू अस्पताल से एक फोटो सामने था, जिसमें डॉक्टर विजय लक्ष्मी वर्मा पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड में एक कुर्सी पर बैठी हैं और उन्होंने अपना एक पैर अपने दूसरे पैर पर रखा हुआ है. बता दें कि पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड में महिला डॉक्टर की ड्यूटी लगी थी. उसी समय वहां बैठे किसी ने उनका फोटो लेकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया और ये फोटो वायरल भी हो गया था. 


ऐसे क्यों बैठी हो??
फोटो वायरल होते ही अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर के एन के की नजर उसपर पड़ी. महिला डॉक्टर का ऐसे बैठने का फोटो अधीक्षक को बिलकुल भी नहीं भाया. उन्होंने डॉक्टर विजयलक्ष्मी से पूछ लिया कि वह ऐसे क्यों बैठी हैं. इसके बाद अस्पताल के अधीक्षक ने एक पत्र जारी किया, जिसमें उन्होंने डॉक्टर विजयलक्ष्मी से कुर्सी पर बैठने पर स्पष्टीकरण मांग लिया. अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर ने ऑफिशियल लेटर भेज डॉक्टर विजयलक्ष्मी से स्पष्टीकरण मांगा है. अधीक्षक डॉक्टर ने पत्र में लिखा है कि इस आचरण के संबंध में अपना स्पष्टीकरण 10 अप्रेल तक दिया जाए. 


सिर्फ 24 घंटे का समय क्यों 
स्पष्टीकरण के लिए अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर ने डॉक्टर विजयलक्ष्मी से को कल यानी 10 अप्रैल सुबह 11 बजे तक का समय दिया है.  सिर्फ 24 घंटे का समय क्यों दिया गया है. डॉक्टर की समझ से बाहर है कि कुर्सी पर बैठने पर इतना बवाल क्यों हो रहा है और किसने इस तरह की फोटो वायरल की. 


अस्पताल पहले भी रहा है विवादों में
बता दें भोपाल शका कैलाश नाथ काटजू अस्पताल कई बार पहले भी विवादों में रहा है. साल 2023 में एक महिला चिकित्सक डॉ. जरीना खान ने अधीक्षक कर्नल प्रवीण सिंह पर मानसिक प्रताड़ना का गंभीर आरोप लगाया था.  पीड़िता का दावा था कि अधीक्षक उनके साथ अभद्र व्यवहार करते हैं. जब उन्होंने इसकी शिकायत की तो उन्हें मानसिक प्रताड़ना दी जाने लगी.  अब कुर्सी पर पांव रखकर बैठने जैसी बात को तूल देना भी लोगों की समझ से बाहर है.