Chaitra Navratri: महाकाल भैरव का स्वरूप है मैहर का ये मंदिर, नवरात्रि में लगता है भक्तों का तांता, ये है इतिहास
Chaitra Navratri: देश भर में नवरात्रि की धूम है. नवरात्रि के दूसरे दिन लोग माता रानी की पूजा अर्चना कर रहे हैं. देश भर में कई ऐसे मंदिर हैं जो प्रसिद्ध है, ऐसा ही एक मंदिर मध्य प्रदेश के मैहर में है. यहां पर स्थित मां शारदा के दरबार में दूर- दराज से भक्त आते हैं. यहां पर एक मंदिर महाकाल भैरव का स्वरूप है, जहां पर लोग मदिरा चढ़ाते हैं और पूजा करते हैं. इस साल भी नवरात्रि के अवसर पर भक्त मदिरापान करा रहे हैं. आइए जानते हैं इस मंदिर के बारे में.
मध्यप्रदेश के मैहर में एक ऐसा मंदिर स्थित है जहां लोग प्रसाद के रूप में मदिरा चढ़ाते हैं इसे भक्त उज्जैन महाकाल भैरव बाबा का ही रूप मानते हैं.
मैहर के इस मंदिर को दूल्हा देव के नाम से लोग जानते हैं, ये मंदिर मैहर पहाड़ी के नीचे है, यहां पर शराब का भोग लगाकर भक्त उसे प्रसाद की तरह ग्रहण भी करते हैं.
यहां पर ये परंपरा कब और किसने शुरू की इसकी किसी को जानकारी नहीं है लेकिन ये वर्षों से चली आ रही है, जिसे लोग पूरा करते हैं यहां भक्तों को कई रूप में देखा जाता है.
माना जाता है कि भगवान शिव जब माता सती का सांवली शव लेकर भटक रहे थे तब उनका हार यहां गिर गया था माई का हार गिरने से यह स्थान माई हार हुआ.
इसके बाद धीरे- धीरे इसका नाम मैहर पड़ गया. देश के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक मां शारदा देवी का मंदिर है, ये मंदिर शारदा त्रिकूट पर्वत के शिखर पर स्थित है.
कहते हैं की दूल्हा देव ने मैहर मां शारदा की तपस्या करते - करते अपनी समाधि ले ली थी समाधि में लीन होने के बाद से आज तक लोग दूल्हा देव की पूजा करते आ रहे हैं.
मैहर का दूल्हा देव मंदिर भैरव बाबा का दूसरा रूप माना जाता है. यहां भी भक्तों द्वारा प्रसाद के रूप में मदिरा चढ़ाई जाती है.
देश भर से भक्त अपनी अपनी मनोकामना लेकर यहां आते हैं, कहा जाता है कि यहां से कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं जाता है, दूल्हा देव मंदिर में इनकी एक बाउली बनाई गई है. इस वजह से दुल्हा देव प्रसिद्ध है.