Tourist Places: मनाली क्यों? जब आप छत्तीसगढ़ में ले सकते हैं छुट्टियों का मजा

Chhattisgarh tourist places: छत्तीसगढ़ में घूमना है लेकिन पता नहीं कहां जाए. इस समस्या का समाधान आपको यहां मिलेगा. बंजी जंपिंग से लेकर कायाकिंग तक यहां आपके लिए बहुत कुछ है.

ज़ी न्यूज़ डेस्क Sun, 05 May 2024-11:35 am,
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छत्तीसगढ़ हमेशा से अपनी जनजातीय और संस्कृति के लिए विश्वभर में जाना जाता है. छत्तीसगढ़ में आपको हर चीज मिलेगी, पर्यटकों से लेकर यात्रियों तक के लिए. घूमने-फिरने वालों से लेकर रोमांच के शौकीनों के लिए. इस जगह में हर किसी के लिए कुछ न कुछ है. आज हम आपको उन्हीं जगहों के बारे में बताएंगे. 

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बंजी जंपिंग, जगदलपुर

जंगल में स्थित, जगदलपुर किसी भी प्रकृति प्रेमियों के लिए आदर्श स्थान है. यह प्राकृतिक वनस्पतियों और जीवों से समृद्ध है. इस प्रकार, बंजी जंपिंग के लिए यह एक अद्भुत जगह है. यहां छलांग की औसत ऊंचाई 30 मीटर की है.  

 

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गो कार्टिंग

छत्तीसगढ़ में मनोरंजक गो कार्टिंग गतिविधि न केवल पर्यटकों को बल्कि स्थानीय भीड़ को भी अपने तरफ आकर्षित करती है क्योंकि यह काफी दिलचस्प और लोगों के बजट में भी है. रायपुर, बिलासपुर और छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में आप गो कार्टिंग का मजा ले सकते हैं. 

 

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बोटिंग

बोटिंग, राफ्टिंग और कायाकिंग के लिए चित्रकोट जलप्रपात का तल रोमांचक और एडवेंचर स्थानों में से एक है. चाहे पैडल बोट से हो या मोटरबोट यहां आपको बोटिंग करने का  बेहद ही अनोखा अनुभव मिलेगा.  आप निश्चित रूप से इस अद्भुत क्षेत्र के आसपास के सुंदर दृश्यों का आनंद लेंगे. बोटिंग में जाने के लिए अतिरिक्त कपड़े और एक प्लास्टिक की थैली ले कर जाए. 

 

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कायाकिंग

एथवेंचर को पसंद करने वाले लोगों के लिए कयाकिंग सबसे अच्छा विकल्प है. बोटमंग की तरह ही, चित्रकोट जलप्रपात में कयाकिंग भी काफी फेमस और एथवेंचर से भरा है. व्हाइटवाटर कयाकिंग और कैनोइंग एथवेंचर पसंद लोगों के लिए एकदम सही चीज है. यहां कायाकिंग करते हुए आस-पास की प्यारी नदी की सुंदरता में खो जाएंगे आप. 

 

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कानन पेंडारी चिड़ियाघर

 यहां आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ अपना बेस्ट टाइल बीता सकते हैं. यहां आपको अलग अलग प्रकार के जानवर देखने को मिलेगे, साथ ही पक्षियों का दुर्लभ और अच्छा संग्रह देखने को मिलेगा. कानन पेंडारी चिड़ियाघर पार्क बिलासपुर शहर से लगभग  9 KM की दूर पर स्थित है. 

 

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भोरमदेव मंदिर

क्या आप भारत के प्राचीन काल में वापस जाना चाहते हैं और उन सभी प्राचीन मंदिरों को देखना चाहते हैं. तो भोरमदेव मंदिर के दर्शन जरूर करें. इस मंदिर का निर्माण 7वीं -11वीं शताब्दी के दौरान हुआ था और इसे छत्तीसगढ़ का खजुराहो कहा जाता है.  मैकल पर्वत और हरे-भरे जंगलों के आकर्षक वातावरण के बीच खड़ा यह मंदिर परिसर मैकल पर्वत श्रृंखला की तलहटी में बना है और कवर्धा से 18 KM दूर है. 

 

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लक्ष्मण मंदिर

लक्ष्मण मंदिर सिरपुर में है. इसका निर्माण लगभग सन् 525 से 540 के बीच हुआ था. इस मंदिर की खास बात है कि यह भारत का पहला लाल ईंटों से बना मंदिर माना जाता है. यहां भगवान विष्णु के दशावताक की प्रतिमा दिखेगी.  इसे शैव राजा हर्षगुप्त की पत्नी रानी वासटादेवी ने बनवाया था. राजा हर्षगुप्त के मरने के बाद रानी वासटादेवी ने इस मंदिर का निर्माण कराया था.  लक्ष्मण मंदिर को एक नारी के मौन प्रेम का प्रतिक भी माना जाता है. 

 

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चित्रकोट झरना

ऐसा कहा जाता है कि चित्रकोट के हरे-भरे परिवेश में कभी हिरणों के झुंड रहते थे, जिससे इसका यह नाम पड़ा. चित्रकोट जलप्रपात प्राकृतिक सौंदर्य की एक अविश्वसनीय अभिव्यक्ति है जो विंध्य पर्वतमाला की राजसी भव्यता से घिरा हुआ है. इंद्रावती नदी पर बना यह झरना समुद्र तल से 100 फीट नीचे गिरता है. 

 

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तांदुला बांध

तंदुला नदी पर निर्मित, यह मानव निर्मित चमत्कार एक आदर्श पिकनिक प्लेस है. यह बांध निश्चित रूप से सभी उम्र के पर्यटकों के लिए मनोरंजन और आनंद लेकर आएगा.दुर्ग जिले में स्थित तांदुला बांध का निर्माण तांदुला नदी और सूखा नाला के संगम के निकट किया गया था. 312.25 मिलियन घन मीटर जल धारण क्षमता वाले इस विशाल बांध का निर्माण 827.2 वर्ग किलोमीटर के विशाल क्षेत्र में किया गया है.

 

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तीरथगढ़ झरना

तीरथगढ़ झरना सात स्तरों से नीचे गहरी घाटी में गिरती कांगेर नदी का एक बेहद ही देखने लायक दृश्य है. क्योंकि यह एक लोकप्रिय स्थल है, आपको झरने के नीचे बड़ी संख्या में लोग बैठे हुए मिल सकते हैं, लेकिन आप एक अलग स्थान खोजने के लिए स्तरों से और नीचे चल सकते हैं. इस इसने का आनंद लेने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं.

 

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