MP Election 2023: नर्सिंग कॅालेजों को लेकर कमलनाथ ने शिवराज को घेरा! यूजर्स ने दी ऐसी प्रतिक्रिया

MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश (MP Election 2023) और छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Chunav) में होने वाले विधानसभा को लेकर सियासी बाजार सज गया है. भाजपा (BJP) और कांग्रेस (Congress) दोनों पार्टियां जनता को साधने का एक भी मौका नहीं छोड़ रही है. इसी बीच कमलनाथ ने प्रदेश के नर्सिंग कॅालेजों को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. जिस पर यूजर्स ने प्रतिक्रिया दी है.

अभिनव त्रिपाठी Thu, 21 Sep 2023-1:32 pm,
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पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा कि शिवराज सरकार के भ्रष्टाचार ने मध्य प्रदेश के नौजवानों का वर्तमान और भविष्य दोनों छीन लिए हैं. पहले तो शिवराज सरकार ने नर्सिंग कॉलेज में मान्यता देने, फैकल्टी की नियुक्ति करने, एडमिशन करने और डिग्री देने में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया और अब न्याय की मांग कर रहे छात्रों पर अत्याचार कर रही है. 

 

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कमलनाथ के ट्वीट के बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कमेंट किया, जिसमें लोगों ने तरह तरह की बातें कही. 

 

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एक यूजर्स ने लिखा कि आप की सरकार अच्छी थी जो आपने युवाओं को रोजगार के नाम पर ढोर चराने और बैंड बजाने जैसे अवसर प्रदान किये थे. 

 

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एक कमेंट में आया था कि छात्रों के सवालों को उठाने और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए इन छात्रों के साथ हैं.  इस मामले में सख्त कदम उठाने की मांग को हम समझते हैं और न्याय की मांग करते हैं. भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष में उनका साथ देते हैं. 

 

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एक ने लिखा कि चुनाव मे जनता आपको इसका जवाब दे देगी सर. 

 

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एक कमेंट में तारीफ करते हुए शिवराज के लिए लिखा गया कि एक बार फिर आ रहे हैं लाडली बहनों के भैया शिवराज चौहान एमपी शान शिवराज चौहान. 

 

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एक ने लिखा कि गरीबों के मकानों पर तिरपाल पर्दे से ढकने और अपने विदेशियों को सोने चांदी के बर्तनों में खाना खिलाने के बाद ये सिला मिला मोदी जी को.  G-20 सम्मेलन के बाद पहले अमेरिका के राष्ट्रपति ने वियतनाम जाकर मोदी सरकार मानवाधिकार के हनन का आरोप लगाया. 

 

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एक कमेंट में लिखा गया था कि शिवराज सरकार पिछले 17 वर्षों से पटवारियों के ग्रेड पे 2100, आवास भत्ता 258, यात्रा भत्ता 300 में सुधार करने में विफल रही है। 1998 से कम वेतन-भत्तो में काम करने को मजबूर , क्या पटवारी नीतिगत पंगुता एवम शासन की उपेक्षा के शिकार हैं. 

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