IT Notice To Lord Ram: भगवान राम को आयकर का नोटिस, ओरछा की रामराजा मंदिर से मांगा गया 1.22 करोड़ का हिसाब

IT Notice To Lord Ram: ओरछा के रामराजा मंदिर (Orchha Ramraja Mandir) को आयकर विभाग (Income Tax Department) ने नोटिस आयकर रिर्टन दाखिल करने को कहा है. नोटिस में विभाग ने 1 करोड़ 22 लाख रुपए का हिसाब मांगा है. जानिए 2010 से चल रहा ये पूरा मामला

श्यामदत्त चतुर्वेदी Sun, 16 Apr 2023-3:18 pm,
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IT Notice To Lord Ram: निवाड़ी। ओरछा में रामराजा मंदिर (Orchha Ramraja Mandir) में श्रद्धालुओं द्वारा दिए जाने वाले दान पर आयकर विभाग (Income Tax Department) की नजर लग गई है. आयकर विभाग ने इसे लेकर मंदिर के व्यवस्थापक को नोटिस जारी किया है. इसमें आयकर रिर्टन दाखिल करने को कहा गया है.

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जानकारी के अनुसार मंदिर के दान को लेकर आयकर विभाग द्वारा वर्ष 2010 एवं 2020 में भी नोटिस जारी किया गया था. तब से प्रशासन आयकर विभाग के सामने यह साबित करने का प्रयास कर रहा है कि यह मंदिर शासकीय है और आयकर से मुक्त है. लेकिन, विभाग यह मानने के लिए तैयार नहीं है.

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हाल ही में आयकर विभाग ने श्री रामराजा मंदिर ओरछा के व्यवस्थापक एवं तहसीलदार के नाम से नोटिस जारी किया है. 23 मार्च को जारी किए गए इस नोटिस में विभाग ने वर्ष 2015-16 के दौरान मंदिर के खाते में जमा किए गए 1 करोड़ 22 लाख रुपए का हिसाब मांगा है.

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आयकर विभाग ने खाते में जमा पैसों के विवरण के साथ ही मंदिर की बैलेंस शीट. ऑडिट रिपोर्ट. पी एंड एल खाता के साथ ही आय-व्यय का ब्यौरा एवं अन्य खातों की जानकारी मांगी है.

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इस नोटिस के जवाब में प्रशासन ने मंदिर के शासकीय होने एवं इस नाते मंदिर के आयकर की श्रेणी से बाहर होने की बात कही है. आयकर विभाग प्रशासन के इस उत्तर से संतुष्ट न होते हुए इसका पुख्ता प्रमाण मांग रहा है.

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वर्ष 2010 में भी आयकर विभाग ने मंदिर की आय को लेकर नोटिस जारी किया था, उस समय तत्कालीन टीकमगढ़ कलेक्टर द्वारा धर्मस्व विभाग की सूची का हवाला देते हुए बताया गया था कि यह मंदिर शासकीय मंदिरों की सूची में 53वें नंबर पर अंकित है. इसके साथ ही प्रशासन ने सन 1999 में धर्मस्व विभाग द्वारा तैयार की गई सूची का हवाला भी दिया था. इसी आधार पर प्रशासन ने इस बार भी आयकर विभाग को जवाब भेजा है.

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वर्ष 2019 में भी आयकर विभाग ने श्री रामराजा मंदिर ओरछा को 46 लाख रुपए टैक्स जमा करने का नोटिस जारी किया था. उस समय भी प्रशासन द्वारा इसे शासकीय मंदिर बताकर टैक्स दायरे से छूट मिलने की बात कही थी. मंदिर को शासनाधीन बताने के लिए प्रशासन द्वारा आयकर विभाग को पूरे इतिहास सहित ब्यौरा दिया गया है.

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तहसीलदार एवं व्यवस्थापक मनीष जैन ने कहां की आयकर विभाग द्वारा भेजे गए दूसरे नोटिस का जवाब भी सब्मिट कर दिया गया है. मंदिर के शासकीय होने के तमाम प्रमाण जवाब में दिए गए है.

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