मध्य प्रदेश के इस गांव में 500 एकड़ जमीन के मालिक हैं भगवान श्रीकृष्ण!
Lord Krishna: मध्य प्रदेश के जबलपुर के गांव में राधा-कृष्ण का एक भव्य मंदिर है. खास बात यह है कि आज भी इस गांव के जमींदार भगवान कृष्ण है. श्रीकृष्ण 500 एकड़ जमीन के मालिक है.
राधा-कृष्ण मंदिर
नंद लाल श्रीकृष्ण से जुड़ी कई ऐसी कहानियां है हमें सुनी है, लेकिन क्या आप एक ऐसे गांव के बारे में जानते हैं, जहां के जमींदार आज भी भगवान कृष्ण है. मध्य प्रदेश के एक गांव में श्रीकृष्ण 500 एकड़ जमीन के मालिक है.
कहां है मंदिर
मध्य प्रदेश के जबलपुर जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर बसे पटोरी गांव में भगवान श्रीकृष्ण का एक भव्य मंदिर है. मंदिर में विराजमान श्रीकृष्ण के नाम पर दर्ज 500 एकड़ जमीन के संचालन राधा कृष्ण मंदिर ट्रस्ट के नाम से हो रहा है. यहां राधा-कृष्ण का एक विशाल मंदिर भी है.
96 साल पुरानी परंपरा
पटोरी गांव में किसी की शादी हो या कोई भी आयोजन हो, सबसे पहले निमंत्रण भगवान कृष्ण को ही दिया जाता है. यह परंपरा 96 सालों से चली आ रही है. अगर गांव में भोज भी हो, तो उसका न्योता भी श्रीकृष्ण को भेजा जाता है. इस अवसर पर नंद लाल के तरफ से मंदिर के पुजारी भोद में जाते हैं.
बारात निकलने से पहले मंदिर जाती है
इस गांव के लोगों का मानना है कि पूरे गांव में राधारानी और श्रीकृष्ण की कृपा बनी हुई है. गांव में किसी की भी बारात निकलने से पहले राधा कृष्ण मंदिर में आता है और भगवान का आशीर्वाद लेकर ही बारात रवाना होती है. साथ ही दुल्हन के आने पर वर-वधु साथ में राधा-कृष्ण का आशीर्वाद लेने मंदिर आते हैं.
कैसे बने श्रीकृष्ण जमींदार
राधा-कृष्ण मंदिर का निर्माण द्रौपदी बाई मिश्राइन ने 1923 में मझौली तहसील के पटोरी गांव में कराया था. मंदिर के संचालन सही से हो, इसलिए द्रौपदी बाई मिश्राइन ने अपनी निजी जमीन मंदिर में लगा दी. उन्होंने श्रीकृष्ण को गांव का जमींदार बनाया था. तब से लेकर आज तक श्रीकृष्ण इस गांव के जमींदार है.
संतान प्राप्ति के लिए प्रयास
राधा-कृष्ण मंदिर का निर्माण कराने वाली मझौली की द्रौपदी बाई मिश्राइन की कोई संतान नहीं थी. संतान पाने के लिए उन्होंने हर धार्मिक प्रयास किए थे. 1923 में मिश्रा दंपती ने कटंगी में भव्य तुलसी-शालिग्राम का विवाह कराया थी. इसमें देश भर के साधु संत शामिल हुए थे. इसके बाद उन्होंने गजदान भी कराया था.
राम मंदिर
मझौली तहसील में एक राम मंदिर भी है जिसका निर्माण मिश्रा दंपती ने ही कराया था. इस मंदिर के नाम पर 1 हजार एकड़ जमीन है. राधा-कृष्ण मंदिर और राम मंदिर का संचालन एक साथ किया जाता है.