Mahashivratri Puja: महाशिवरात्रि पर घर बैठे एक साथ करें 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन, जानिए महत्व
आज पूरे भारत वर्ष में महाशिवरात्रि मनाई जा रही है. सुबह से ही सभी शिवालयों में भक्तों की लंबी-लंबी कतारें, लगी है. भगवान शिव की पूजा में द्वादश ज्योतिर्लिंग का विशेष महत्व है. ऐसी मान्यता है कि इसमें भगवान शिव का साक्षात निवास होता है और जो भक्त आज यानी महाशिवरात्रि के दिन इसका दर्शन कर लेता है, भगवान शिव शंकर उसके सारे कष्ट हर लेते हैं. आइए महाशिवरात्रि के खास मौके पर हम करते हैं भगवान शिव के इन स्वरुपों का दर्शन...
सोमनाथ
सोमनाथ का पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है. इसके दर्शन मात्र से सभी परेशानी दूर हो जाती है. यह गुजरात के काठियावाड़ जिले में स्थित है.
मल्लिकार्जुन
देश का दूसरा ज्योतिर्लिंग मल्लिकार्जुन हैं. यह आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में स्थित है.
महाकालेश्वर
महाकालेश्वर भारत का तीसरा ज्योतिर्लिंग है. यह मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में शिप्रा नदी के तट पर स्थित है.
ओंकारेश्वर
ओंकारेश्वर देश का चौथा ज्योतिर्लंग है. जो मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा नदी के तट पर स्थित है.
केदारनाथ
यह देश का पांचवा ज्योतिर्लिंग है, जो केदारनाथ के पहाड़ियों में स्थित है.
भीमाशंकर
भीमाशंकर देश का छठा ज्योतिर्लिंग हैं, जो महाराष्ट्र जिले के पुणे में स्थित है.
काशी विश्वनाथ
काशी विश्वनाथ देश का सातवां ज्योतिर्लिंग है. जो उत्तर प्रदेश के बनारस में गंगा के तट पर स्थित है.
त्रयंबकेश्वर
देश का आठवां ज्योतिर्लिंग है त्रयंबकेश्वर. यह महाराष्ट्र के नासिक जिले में ब्रम्हगिरी पर्वत के समीप स्थित है.
वैद्यनाथ
यह देश का नौवां प्रसिद्धि शिवलिंग है, जो झारखंड के वैद्यनाथ धाम में स्थित है.
नागेश्वर
नागेश्वर ज्योर्लिंग देश का दशवां शिवलिंग है, महाराष्ट्र के हिंगोली जिले में स्थित है.
रामेश्वरम
यह तमिलनाडु के रामेश्वरम दीप पर स्थित है. बारह ज्योतिर्लिंगों में इसका स्थान 11 वें नंबर पर आता है.
घृष्णेश्वर
घृष्णेश्वर शिवलिंग महाराष्ट के संभाजीनकर में स्थित है. भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंग में इसका अंतिम स्थान है.