महात्मा गांधी को खूब भाता था MP! 10 बार आए थे यहां, जानिए क्यों खास थीं बापू की ये यात्राएं

Mahatma Gandhi Visit In MP: मध्य प्रदेश का महात्मा गांधी से गहरा नाता रहा है. उन्होंने 10 बार मध्य प्रदेश का दौरा किया था. इन यात्राओं के दौरान उन्होंने मध्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों का दौरा किया और लोगों को स्वतंत्रता संग्राम के लिए प्रेरित किया. आइए जानते हैं कि गांधी जी ने अपनी 10 यात्राओं के दौरान यहां क्या-क्या किया.

ज़ी न्यूज़ डेस्क Tue, 01 Oct 2024-3:39 pm,
1/7

गांधी जयंती

गांधी जयंती हर साल 2 अक्टूबर को मनाई जाती है. इस दिन कई आयोजनों के जरिए लोगों को गांधी जी के आदर्शों और सिद्धांतों पर चलने के लिए प्रेरित किया जाता है. मध्य प्रदेश में भी गांधी जयंती बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है.

 

2/7

महात्मा गांधी को खूब भाता था MP

मध्य प्रदेश एक ऐसी जगह है जहां गांधी जी 10 बार आए थे. यहां उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान लोगों को आज़ादी के लिए प्रेरित किया था. आइये जानते हैं कि मध्य प्रदेश की अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने क्या किया और कहां-कहां गए.  

 

3/7

पहली और दूसरी यात्रा

गांधीजी की इंदौर की पहली यात्रा 28 मार्च 1918 को हुई थी. इस समय वे हिंदी साहित्य सम्मेलन में अध्यक्ष के रूप में भाग लेने आए थे. उनकी दूसरी यात्रा 20 और 21 दिसंबर 1920 को हुई थी. इस यात्रा में उन्होंने कंडल नहर सत्याग्रह के सत्याग्रहियों के विचारों को मजबूत करने का काम किया था.

 

4/7

तीसरी और चौथी यात्रा

बापू की तीसरी यात्रा 6 जनवरी 1921 को छिंदवाड़ा में हुई थी. यहां उन्होंने लोगों को आजादी की लड़ाई और स्वच्छता का पाठ पढ़ाया था. उनकी चौथी यात्रा 20 और 21 मार्च 1921 को जबलपुर के सिवनी में हुई थी. यहां उन्होंने आजादी की मशाल जलाई थी. उन्होंने आजादी के लिए लड़ने वालों का हौसला बढ़ाया था.

 

5/7

पांचवी और छठवी यात्रा

गांधीजी की पांचवीं यात्रा मई 1921 में खंडवा आई थी. यहां उन्होंने लोगों को सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों के साथ स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने के लिए प्रेरित किया था. उनकी छठी यात्रा सितंबर 1929 में भोपाल और सांची में हुई थी. गांधीजी यहां नवाब हमीदुल्ला खान के निमंत्रण पर आए थे. यहां उन्होंने जनसभा को संबोधित किया और राम राज्य को ईश्वर का शासन बताया.

 

6/7

सातवीं और आठवीं यात्रा

गांधी जी ने 22 नवंबर से 8 दिसंबर 1933 तक कई शहरों की सातवीं यात्रा की थी. यहां उन्होंने सभी से एकजुट रहने और छुआछूत की भावना को मिटाने की अपील की थी. ​​उनकी आठवीं यात्रा 20 अप्रैल 1925 को इंदौर की थी. यहां उन्होंने इंदौर में चल रही खाद प्रणाली को समझा. इस खाद प्रणाली को विदेशों में भी अपनाया गया.

 

7/7

नवीं और दसवीं यात्रा

गांधीजी की नौवीं यात्रा फरवरी 1941 में जबलपुर और भेड़ाघाट में हुई थी. यहां उन्होंने भेड़ाघाट के धुआंधार जलप्रपात का आनंद लिया था. मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी से बापू इतने प्रभावित हुए कि वे यहां आश्रम बनाने की योजना बना रहे थे. उनकी दसवीं यात्रा 27 अप्रैल 1942 को जबलपुर में हुई थी. यहां उन्हें देखने के लिए हजारों लोग जुटे थे. उन्होंने गोलबाजार में अपना भाषण दिया था

ZEENEWS TRENDING STORIES

By continuing to use the site, you agree to the use of cookies. You can find out more by Tapping this link