दमोह कलेक्टर- एसपी की अनोखी पहल; शुरू की नि:शुल्क कोचिंग, ये है उद्देश्य
MP News: एमपी में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है. इसके अलावा अब प्रशासिक अधिकारी भी लगातार काम कर रहे हैं. इसी बीच प्रदेश के दमोह जिले से एक अच्छी खबर सामने आई है. यहां पर कलेक्टर एसपी टीचर बनकर कर बच्चों की पढ़ाई में काफी ज्यादा मदद कर रहे हैं. यहां पर सरकारी स्कूल की बिल्डिंग में चलने वाली निशुल्क कोचिंग का शुभारंभ हुआ, जिसमें अधिकार बच्चों को पढ़ा रहे हैं. ताकि बच्चों का भविष्य उज्जवल हो सके.
एक कोचिंग सेंटर का क्लास रूम ही है फर्क इतना है कि ये किसी पापुलर टीचर का कोचिंग सेंटर नही बल्कि सरकारी बिल्डिंग में लगने वाली निशुल्क कोचिंग क्लास है, यहां पढ़ाने वाले शिक्षक नहीं है बल्कि एक कलेक्टर हैं तो दूसरे एसपी हैं.
ये अधिकारी बच्चो को एक टीचर की तरह पढ़ा रहे हैं और बच्चे भी बड़ी रुचि के साथ पढ़ रहे हैं ये सोचकर कि कल वो भी अफसर बनेंगे, ये हकीकत तस्वीर दमोह की है जहां संसाधनों का अभाव है यहां कंपटीशन एग्जाम की तैयारी करने बड़े कोचिंग संस्थान नहीं है.
सक्षम लोग अपने बच्चों को प्रदेश के दूसरे शहरों के अलावा सूबे से बाहर भी भेज देते है लेकिन गरीब या आर्थिक कमजोर बच्चे कहां जायें ये बड़ी समस्या थी, लेकिन दमोह में एक नवाचार सुनहरे भविष्य की तरफ इशारा कर रहा है और इस नवाचार को करने वाला कोई और नहीं बल्कि जिले के कलेक्टर और एसपी हैं.
दरअसल इन दोनों युवा अफसर कलेक्टर सुधीर कोचर और एस पी श्रुत कीर्ती सोमवंशी ने जिले में कम्पटीशन एग्जाम की तैयारी के लिए संसाधनों की कमी और आर्थिक कमजोर लेकिन होनहार बच्चो को देखा तो एक कोचिंग सेंटर शुरू कर दिया है.
दमोह शहर की एक लाइब्रेरी में इस कोचिंग सेंटर को बनाया गया और अब यहां हर रोज विषय के जानकारों के द्वारा निःशुल्क पढ़ाया जा रहा है.
कलेक्टर एसपी ने आह्वाहन किया तो जिले के विद्वान शिक्षक शिक्षिकाएं भी आगे आये और रोजाना इस सेंटर में आते हैं बच्चो को शिद्दत के साथ पढ़ाते हैं.
खुद कलेक्टर कोचर और एसपी सोमवंशी रविवार के दिन आवश्यक रूप से यहां आते हैं. जब उन्हें अपने प्रशासनिक काम में से समय मिलता है तो वो यहां आकर बच्चो को पढ़ाने का काम कर रहे हैं, कलेक्टर एसपी को अपना टीचर देख बच्चे भी खुश हैं और कहते हैं कि वो ईमानदारी से अपनी तैयारी कर कुछ बनकर दिखाएंगे.