National Girl Child Day 2024: आपकी लाडली के लिए MP सरकार चला रही है यह योजनाएं, क्या आपको है इसकी जानकारी
Schemes for Daughters: मध्य प्रदेश सरकार की ओर से राज्य की बेटियों के लिए कई तरह की योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिसका लाभ आप भी पा सकते हैं. जानिए इन सभी सरकारी योजनाओं के बारे में-
National Girl Child Day 2024: हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य देश में लड़कियों को अधिकारों के बारे में जागरूक करना है. साल 1966 में इसी दिन देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने PM पद की शपथ ली थी. इस दिन को याद करने के लिए हर साल राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाते हैं. तो आइए ऐसे में जानते हैं कि मध्य प्रदेश सरकार की ओर से प्रदेश के बेटियों के लिए कौन-कौन सी योजनाएं चलाई जा रही हैं. पढ़ें सभी योजनाओं के बारे में-
लाडली लक्ष्मी योजना (Ladli Laxmi Yojana): मध्य प्रदेश सरकार की ओर से प्रगेश की बेटियों के लिए लाडली लक्ष्मी योजना चलाई जाती है. इस योजना के तहत बेटियों को जन्म से लेकर 21 साल तक अलग-अलग राशि की किस्त दी जाती है.
लाडो अभियान (Lado Abhiyan): मध्य प्रदेश में बाल विवाह रोकने के लिए साल 2013 में लाडो अभियान शुरू किया गया था. इसका उद्देश्य बाल विवाह जैसी कुरीति को सामुदायिक सहभागिता से खत्म करना है.
उदिता योजना (Udita Yojna): इस योजना के तहत 18 साल की बालिकाओं से लेकर 49 साल तक की महिलाओं को मासिक धर्म संबंधी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाता है.
लालिमा योजना (Lalima Yojna): बच्चों, किशोरी बालिका एवं प्रजनन आयु वर्ग की महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य और एनीमिया की रोकथाम/किशोरियों में पोषण को बढ़ावा देने के लिए लालिमा योजना चलाई जा रही है.
मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना (Chief Minister Women Empowerment Scheme): बलात्कार से पीड़ित महिला या बालिका, ऐसिड विक्टिम, जेल से रिहा महिलाओं, बाल विवाह पीड़ित, दहेज प्रताड़ित/अग्नि पीड़ित महिलाओं को आत्मनिर्भरता बनाने के लिए ये योजना चलाई जाती है.
बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओ (Beti Bachao Beti Padhao): बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत Child-Sex Ratio में कम करना और महिला सशक्तीकरण से जुड़े मुद्दों का समाधान करना है.
किशोरी बालिका योजना (Kishori Balika Yojna): केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही किशोरी बालिका योजना के तहत 11 से 14 साल की स्कूल न जाने वाली बच्चियों को पोषण आहार के रूप में मोटा अनाज, काला चना, अरहर दाल आदि दिया जाता है. यानी टेक होम राशन के रूप में पूरक पोषण आहार दिया जाता है.