Prabhat Jha: मातृभूमि बिहार और MP रही कर्मभूमि, पत्रकारिता हो या सियासत, सिद्धांतों के साथ जिए
Prabhat Jha Profile: मध्य प्रदेश बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व राज्यसभा सांसद प्रभात झा का 27 जुलाई 2024 को पैतृक गांव में अंतिम संस्कार होगा. उन्होंने बिहार से आकर मध्य प्रदेश की राजनीति में खास जगह बनाई थी. यहां देखिए उनके पत्रकारिता और सियासत के अलग-अलग रंग.
बिहार से आए और मध्य प्रदेश में छाए
Prabhat Jha: प्रभात झा सिद्धांतों और संस्कार को जीने वाले व्यक्तित्व थे. बिहार भले ही मातृभूमि रही, लेकिन कर्मभूमि मध्य प्रदेश को बनाया. आजीवन कर्मभूमि के प्रति समर्पित रहे.
पत्रकारिता और सियासत, दोनों के महारथी
स्वयं पत्रकार थे, इसलिए मध्य प्रदेश के पत्रकारों से विशेष लगाव था. पत्रकारों के साथ राजनेताओं के संबंधों को बखूबी समझते थे.
संघ के करीबी, भाजपा से साथी
प्रभात झा पत्रकारिता की दुश्वारियों से अच्छी तरह वाकिफ थे. साथ ही संघ के लोगों से घनिष्ठ संबंध रहे हैं. बीजेपी के मुखपत्र 'कमल संदेश' के संपादक रहे. उन्होंने कई किताबें भी लिखीं
आदिवासियों के चहेते
प्रभात झा ने आदिवासी बहुल इलाकों में बेहतर काम किया. चंद्रशेखर आजाद के गृह जिला झाबुआ में प्रधानमंत्री मोदी को ले गए.
मिथिला से खास लगाव
प्रभात झा का जन्म 4 जून 1957 को बिहार के सीतामढ़ी जिले में हुआ था. जीवन के अंतिम वर्षों में मिथिला के लोगों से अधिक जुड़ाव रहा. उनकी शादी रंजना झा से हुई थी. दो बेटे हैं.
मध्य प्रदेश में सफलता, दिल्ली में निराशा
मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के रूप बेहतरीन काम किया, लेकिन कहा जाता है कि जैसे ही महत्वाकांक्षा जगी, तो मध्य प्रदेश से बाहर कर दिए गए. दिल्ली में भाजपा उपाध्यक्ष के रूप में काम किया. दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान दिल्ली प्रभारी के रूप में उनका ज्यादा अच्छा अनुभव नहीं रहा.
बिहार से मध्य प्रदेश तक...
8 मई 2010 से 15 दिसंबर 2012 तक MP भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे . इसके अलावा 2007 में भाजपा के राष्ट्रीय बने. 2008 में राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए. 1993 से 2002 तक एमपी बीजेपी के मीडिया प्रभारी एंव प्रवक्ता रहे. 2003 से 2005 तक भाजपा के साहित्य एवं प्रकाशन में अखिल भारतीय प्रभारी रहे