OPS को लेकर विपक्ष के वॉकआउट के बाद MP में सियासी बवाल, कमलनाथ ने कहा सिर्फ 6 महीने फिर आएगी कांग्रेस सरकार
OPS को लेकर विपक्ष के वॉकआउट के बाद MP में सियासी बवाल बढ़ गया है. पीसीसी चीफ कमलनाथ ने जमकर शिवराज सरकार पर हमला किया और कहा कि ये सरकार कर्मचारी हितैषी नहीं है. पीसीसी चीफ ने कहा कि आज सरकार ने स्पष्ट कर दिया की ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है.
MP Budget Session 2023: OPS को लेकर विपक्ष के वॉकआउट के बाद MP में सियासी बवाल बढ़ गया है. पीसीसी चीफ कमलनाथ ने जमकर शिवराज सरकार पर हमला किया और कहा कि ये सरकार कर्मचारी हितैषी नहीं है. पीसीसी चीफ ने कहा कि आज सरकार ने स्पष्ट कर दिया की ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है. आज सरकार ने बता दिया कि उनका कोई विचार नहीं है इसे लागू करने का. कर्मचारी चाहते हैं कि लागू हो लेकिन सरकार नहीं चाहती.
'बस छह महीने की बात है'
कमलनाथ ने कहा कि हम कर्मचारियों के हित में कदम उठायेंगे. हम चाहते हैं ऐफ़िशिएंट मैनेजमेंट वाला प्रदेश हो. सिर्फ़ ओपीएस की बात नहीं है हम अन्य चीज़ें भी लेकर आएंगे. कई कर्मचारी मुझसे बात करते हैं, बोलता हैं हम परेशान है. बस छह महीने की बात है फिर कांग्रेस की सरकार में कर्मचारियों के हित में काम होगा. मामले पर सज्जन सिंह वर्मा ने भी आरोप लगाते हुए कहा कि ये कर्मचारियों के भविष्य पर कुठाराघात है. हालात ये है कि एक लाख कर्मचारी हड़ताल पर हैं. सिर्फ़ ओपीएस नहीं, नियमितीकरण की भी बात है.
बड़ा राजनीतिक मुद्दा है OPS
बता दें पुरानी पेंशन स्कीम बंद होने से लाखओं लोग जो प्रभावित हुए हैं, वो देशभर में पहले भी आंदोलन कर चुके हैं. मध्य प्रदेश में भी आंदोलन हो चुका है. प्रभावित कर्मचारियों का कहना है कि रिटायरमेंट के बाद वो खर्चा कैसे उठाएंगे. सरकार को ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से बहाल करना चाहिए. दरअसल पुरानी पेंशन स्कीम के तहत रिटायर्ड कर्मचारियों को अपने लास्ट वेतन का 50 फीसदी हिस्सा हर महीने पेंशन के तौर पर मिलती थी. एनपीएस में पेंशन पाने के लिए खुद कर्मचारियों को ही कॉन्ट्रीब्यूशन देना होता है. इसी को लेकर कलह चल रही है.
मध्यप्रदेश में सियासी बवाल
पुरानी पेंशन योजना को लेकर मध्यप्रदेश में सियासी बवाल जारी है. कांग्रेस ने आरोप लगाए हैं कि MP में पुरानी पेंशन लागू करने पर सरकार का कोई विचार नहीं है. दरअसल वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने इस मामले पर जवाब देते हुए कहा कि एमपी में ओल्ड पेंशन योजना लागू करने का कोई मामला विचाराधीन नहीं है. इसी के बाद से विपक्ष ने आक्रमक तेवर अपना लिए और दावा किया कि हमारी सरकार जल्द आएगी उसके बाद कांग्रेस कर्मचारियों के साथ अन्याय नहीं होने देगी. प्रदेश में चुनाव को देखते हुए जनता का हवाला देते हुए इस समय सरकार और विपक्ष लगातार एक दूसरे को कोसने में लगे हैं.