MP Politics: मध्य प्रदेश में वेदों के अध्ययन पर सियासत शुरू हो गई है. कालेज में वेद-उपनिषद पढ़ाने के सरकार के फैसले पर कांग्रेस ने एतराज जताया है. कांग्रेस ने कहा कि इसकी आवश्यकता क्या है. इधर, कांग्रेस पर पलटवार करते हुए भाजपा ने भड़कते हुए कहा कि कांग्रेस संस्कृति विरोधी है. 


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युवाओ को वेद, पुराण, उपनिषद पढ़ाकर विद्वान बनाने की तैयारी में भाजपा को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता जे. पी धनोपिया ने कहा कि भाजपा अपना हिडन एजेंडा लागू करने के चक्कर में तो भाजपा के प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने भी पलटवार किया. दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार अब युवाओं को वेद, पुराण, उपनिषद पढ़ाएंगी. यही वेद पुराण युवाओं को विद्वान बनाएंगे. एमपी के सरकारी कॉलेजो में "भारतीय ज्ञान परम्परा प्रकोष्ठ" ब्रांच की स्थापना होगी.


क्या बोले कांग्रेस नेता?
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता जे.पी धनोपिया ने इस विषय को लेकर कहा कि अच्छा है ज्ञान विज्ञान के नाम पर जानकारी देना, लेकिन ये ध्यान रखे सरकार इसे थोपा न जाए. उन्होंने कहा कि भाजपा अपना हिडन एजेंडा लागू करना चाहती है. भाजपा धर्म का ज्ञान शिक्षा के माध्यम से देने की क्या जरूरत है? इसके लिए ज्ञानपीठ है.


भाजपा ने दिया करारा जवाब
इधर, भाजपा के अजय सिंह यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस ने 50 सालों तक देश में इतिहास को गलत और झूठा बताया. कांग्रेस अपना एजेंडा सेट करती रही. मप्र नई शिक्षा नीति में अग्रणी है.अब भाजपा ने जब वैद पुराण के लिए कदम बढ़ाया तो इनके एजेंडे प्रभावित हो रहे हैं. कांग्रेस बेचैन हो रही है. नई शिक्षा नीति युवा पीढ़ी को आगे लेकर जाएगी. उन्हें धर्म का भी रास्ता मिलेगा. कांग्रेस ने शिक्षा को तो व्यवसाय बना दिया था भाजपा तकनीक, उच्च शिक्षा के साथ वैद पुराण की भी शिक्षा दे रही है.


कॉलेजों में होगी वेदों की पढ़ाई
आज ही मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश के युवाओं को वेद-पुराण और भारतीय संस्कृति से जोड़ने के लिए बड़ा फैसला लिया. इसके लिए राज्य के सभी सरकारी कॉलेजों में 'भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ' की स्थापना होगी. इस ब्रांच में युवाओं को  वेद, पुराण और उपनिषदों के बारे में पढ़ाया जाएगा. उन्हें विद्वान बनाया जाएगा. भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ ब्रांच का नोडल अधिकारी प्रिंसिपल को बनाया जाएगा. प्रकोष्ठ के लिए हर कॉलेज में एक कमरा भी अलग से होगा.  UG और PG के एक-एक छात्र-छात्रा समेत कुल चार लोग इस ब्रांच के सदस्य होंगे. हर तीन महीने में कॉलेजों में इसके सेमिनार होंगे.  


भोपाल से राहुल राठौर की रिपोर्ट