President Murmu in MP: राष्ट्रपति मुर्मू बोलीं-एमपी में सांस्कृतिक विरासत विद्यमान,पढ़ें संबोधन की बड़ी बातें
President Murmu in MP:राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारतीय संस्कृति और देश के विकास की यात्रा में मध्यप्रदेश के लोगों का अमूल्य योगदान है.
President draupadi Murmu in MP: राष्ट्रपति बनने के बाद अपने पहले दौरे पर मध्यप्रदेश आईं द्रौपदी मुर्मू ने आज भोपाल में कई योजनाओं का शिलान्यास किया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वर्चुअली औबेदुल्लागंज-इटारसी मार्ग के रातापानी खंड के चार लेन सड़क के निर्माण कार्य व DRDE ग्वालियर की लैबोरेटरी ( बीएसएल -4 ) का शिलान्यास किया.
मां नर्मदा सिंचित धरती को करती हूं नमन: राष्ट्रपति मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रपति बनने के बाद मध्य प्रदेश की मेरी यह पहली यात्रा है.आज आप सबके स्नेह और स्वागत से मैं अभिभूत हूं. मैं राज्य के लगभग साढ़े आठ करोड़ निवासियों को धन्यवाद देती हूं और उन सभी की समृद्धि की मंगल कामना करती हूं.भारतीय संस्कृति और देश की विकास यात्रा में मध्य प्रदेश के लोगों ने अमूल्य योगदान दिया है. मैं पुण्य-सलिला मां नर्मदा के जल से सिंचित इस पावन धरती को नमन करती हूं.
अटल बिहारी वाजपेयी को किया याद
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए उन्होंने कहा," मैं मध्य प्रदेश के महान सपूत, पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न से सम्मानित श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को नमन करती हूं.21वीं सदी के आधुनिक भारत की नींव रखने में श्रद्धेय अटल जी के योगदान के लिए सभी देशवासी सदैव उनके आभारी रहेंगे."
राष्ट्रपति ने नामीबिया से लाये गए चीतों को लेकर को कही ये बात
कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाये गए चीतों को लेकर उन्होंने कहा,"हाल ही में कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाये गए चीतों के पुनर्वास को लेकर wildlife में रुचि रखने वाले सभी लोग अत्यंत उत्साहित हैं. देश से विलुप्त हुए चीतों के पुनर्वास के लिए इस महत्वपूर्ण अभियान की सफलता के लिए मैं अपनी शुभकामनाएं देती हूं."
एमपी में सांस्कृतिक विरासत विद्यमान
प्रदेश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को लेकर उन्होंने कहा, 'मध्य प्रदेश में एक तरफ अनुपम प्राकृतिक सौन्दर्य है तो दूसरी तरफ यहां अत्यंत समृद्ध आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत विद्यमान है.मध्य प्रदेश के इतिहास में महिलाओं के योगदान की अमर गाथाएं समाहित है.रानी दुर्गावती और झलकारी बाई जैसे वीरांगनाओं ने महिलाओं के समर्पण और बलिदान की गौरव गाथाएं लिखी है.'