Private School Now Comes Under RTI: भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)  में लगातार सामने आ रही निजी स्कूलों की मनमानी की सामने आती रही है. इसे लेकर अब सूचना आयोग (Information Commission) सख्त हो गया है. रीवा की एक स्कूल के मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सूचना आयुक्त (Information Commissioner Rahul Singh) ने बड़ा फैसला सुनाया है. उनके आदेश के अनुसार, शासन से अनुदान लेने वाले निजी स्कूल पूरी तरह RTI के दायरे में होंगे. उन्हें अब मांगी गई जानकारी समय सीमा में देनी होगी. ऐसा नहीं करने पर जुर्माना लगाया जाएगा.


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सूचना आयुक्त ने क्या कहा?
सूचना आयुक्त ने कहा 'शासन से अनुदान लेने वाले निजी स्कूल पूरी तरह RTI के दायरे में होंगे. लोगों को यह जानने का हक है कि उनके बच्चे जिस प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहे हैं. वे शासन द्वारा निर्धारित कानून के तहत संचालित हो रहे हैं या नहीं. मान्यता सम्बन्धी जानकारी 30 दिन में देनी होगी.


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राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने साफ किया की शिक्षा विभाग के पास रेगुलेटरी अथॉरिटी होने के नाते पर्याप्त अधिकार हैं. शासन के पास प्राइवेट स्कूलों की नियमों के अनुरूप प्राप्त होनी चाहिए. इस कारण प्राइवेट स्कूल जानकारी देने से मना नहीं कर सकते. ऐसा करने पर RTE Act 2009 और RTE rules 2011 के तहत प्राइवेट स्कूलों के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई कर जानकारी ली जा सकती है.


क्या है रीवा का मामला?
रीवा के एक निजी स्कूल से मान्यता संबंधी जानकारी मांगी थी. इसे जिला शिक्षा अधिकारी ने विकास खंड शिक्षा अधिकारी के पास भेजा था. यहां ये कहते हुए जानकारी देने के इंकार कर दिया गया की निजी स्कूल ने आरटीआई अधिनियम के अधीन नहीं हैं. जानकारी न मिलने पर मामला राज्य सूचना आयोग पहुंचा. जहां, आयुक्त राहुल सिंह ने सुनवाई के बाद अपना फैसला सुनाया है.


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इन राज्यो में पहले से है व्यवस्था
बता दें उत्तरप्रदेश में जुलाई 2021 में ही सूचना आयोग प्राइवेट स्कूलों को RTI के दायरे में लाने के आदेश जारी किए थे. इसके बाद हरियाणा में मई 2022 में हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस व्यवस्था को लागू किया गया. अब मध्यप्रदेश में रीवा के एक मामले की सुनवाई करते हुए 23 फरवरी 2023 को इस संबंध में आदेश जारी किए. जिसके अनुसार यहां के प्राइवेट स्कूल RTI के दायरे में आ गए हैं.