पुरी शंकराचार्य ने कहा- बीजेपी के प्रवक्ता हैं बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री, जानिए
पुरी शंकराचार्य ने पीठाधीश्वर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री को भारतीय जनता पार्टी का प्रवक्ता बताया है. उन्होंने कहा वो मौनीबाबा बन गए है.
प्रमोद शर्मा/भोपाल: इन दिनों मध्यप्रदेश और देश में जिसका नाम सबसे ज्यादा चल रहा है, वो बागेश्वर धाम प्रमुख और कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री ही हैं. उनकी कथाओं में लाखों की संख्या में भक्त उमड़ते हैं. वो जहां जाते हैं, वहां जनता दीवानी हो जाती है. उनका दिव्य दरबार भी काफी सुर्खियों में रहता है. इसी बीच भोपाल पहुंचे पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने बागेश्वर धाम प्रमुख पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर बड़ा बयान दिया है.
बता दें कि शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री बीजेपी के प्रवक्ता हैं. जगदगुरु शंकराचार्य ने कहा कि बीजेपी ठीक वैसे ही पंडित धीरेंद्र का इस्तेमाल कर रही है जैसे उसने रविशंकर और बाबा रामदेव का किया है.
बीजेपी कर रही इस्तेमाल
जब पत्रकार ने जगदगुरु शंकराचार्य से धीरेंद्र शास्त्री को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि ''आप एक शंकाराचार्य से एक कथावाचक और भाजपा प्रवक्ता की समीक्षा करवा रही हैं. ये उचित नहीं है, ये राष्ट्रहित में भी नहीं है. भाजपा ने रामदेव और धीरेंद्र को मौनी बना दिया है. जगदगुरु शंकराचार्य ने कहा कि मेरी बात पर सुप्रीम कोर्ट अपने निर्णय बदल देता है.
इसके अलावा स्वामी जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद (Shankaracharya Avimukteshwaranand Swami) ने भी पहले बागेश्वर धाम सरकार (Dhirendra krishna shastri) को चुनौती देते हुए कहा था कि वे जोशी मठ आकर धसकती हुई जमीन को रोककर दिखाए, तब हम उनके चमत्कार को मान जाएंगे.
इससे पहले पंडोखर ने भी लिया था निशाने पर
गौरतलब है कि ये पहला मौका नहीं है जब धीरेंद्र शास्त्री पर इस तरह निशाने पर लिया हो. जगदगुरु शंकराचार्य से पहले पंडोखर सरकार ने भी बिना नाम लिए पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री निशाना साधा था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पंडोखर सरकार ने कहा था कि पर्चा बनाना भी एक ट्रिक है. मैं नाम नही लूंगा, लेकिन समझदारों को इशारा काफी है. इन लोगों ने साधना नहीं की है, जप नहीं किया, अनुष्ठान नहीं किया. ये लोग सिर्फ औरा बनाकर चमत्कार दिखा रहे हैं. निर्मल बाबा की वजह से लोगों में आस्था टूटी थी.