Rahul Gandhi Parliament Membership Rejected: मोदी सरनेम केस (Modi Surname Case) के बाद कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी को एक बहुत ही बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने राहुल गांधी दो साल गी सजा सुनाई थी. उसके बाद उनकी सांसद पद की सदस्यता भी खत्म कर दी गई है. इसे लेकर कांग्रेस पार्टी बीजेपी (BJP) के ऊपर निशाना साध रही है. बता दें राहुल गांधी के पहले उनकी दादी इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) और मां सोनिया गांधी, लालू यादव, अशोक सिंह चंदेल सहित कई सांसदो और विधायकों की सदस्यता कई कारणों से खत्म की गई है.  जानते हैं.


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गांधी परिवार में गई है सदस्यता
राहुल गांधी से पहले गांधी परिवार की इंदिरा गांधी की भी सदस्यता जा चुकी है. उस समय राहुल की दादी और पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने पर देश में उनके पक्ष में भारी भीड़ जमा हो गई थी. इसके बाद साल 2006 में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी सदस्यता खो दी थी. उस समय 'लाभ के पद' के मामले ने तूल पकड़ लिया था. उस समय यूपीए की ही सरकार थी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी रायबरेली से सांसद थीं. मामला था उनके राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की चेयरमैन का, विपक्ष ने 'लाभ का पद' बताया. सोनिया गांधी ने सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद उन्होंने रायबरेली से चुनाव लड़ा. अब राहुल गांधी की भी सदस्यता गई.


लालू प्रसाद की गई थी सदस्यता


राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने के बाद सियासत का पारा हाई हो गया है. लेकिन उनसे पहले भी कई सांसदों ने अपनी सदस्यता गंवाई है. चारा घोटाले के मामले में साल 2013 में कोर्ट ने लालू प्रसाद को दोषी ठहराया था और उन्हें पांच साल की सजा हुई थी. जिसकी वजह से उन्हें सांसदी से हाथ धोना पड़ा था और सजा पूरी करने के 6 साल बाद तक वो चुनाव भी नहीं लड़ पाए थे.


रशीद मसूद ने गंवाई थी सांसदी
राहुल गांधी से पहले कई सांसदो को अपनी सदस्यता गंवानी पड़ी है. MBBS सीट घोटाले की वजह से कांग्रेस सांसद के रशीद मसूद की भी सदस्यता चली गई थी. उनके खिलाफ सीट घोटाले का आरोप लगा था जिसका मामला कोर्ट में चल रहा था. साल 2013 में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था और उन्हें चार साल की सजा हुई थी. जिसके बाद उनके सांसद पद की सदस्यता खत्म हो गई थी. बता दें कि मसूद राज्यसभा सांसद थे. 


कुलदीप सेंगर की गई थी विधायकी
यूपी के उन्नाव की बांगरमऊ से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर नाबालिग से सामूहिक रेप केस दोषी पाया गया था. इसके बाद उनको उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. सजा सुनाए जाने के बाद उनकी विधानसभा की सदस्यता भी खत्म हो गई थी. बता दें 2019 में उनकी सदस्यता खत्म किए जाने का आदेश जारी किया गया था.


अशोक सिंह चंदेल की गई थी विधायकी
हमीरपुर से भाजपा विधायक अशोक कुमार सिंह चंदेल की सदस्यता हत्या के मामले में दोषी पाये जाने के बाद खत्म हो गई थी. बता दें कि रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपुल्स एक्ट 1951 के तहत साल 2019 में उन्हें विधायकी से हाथ धोना पड़ा था. उन्हें इस मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी.