Raksha Bandhan 2022: भाई-बहन के अटूट प्यार का त्यौहार हर रक्षाबंधन हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष के पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है. इस दिन बहन अपने भाई के हाथ में राखी बांधकर उनकी लंबी आयु की कामना करती हैं. इस साल सावन माह की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को है. लेकिन इस दिन भद्रा होने के कारण पूरे दिन राखी बांधने का शुभ मुहूर्त नहीं है. आइए जानते हैं रक्षाबंधन के दिन कब बांधी जाएगी राखी और कब तक रहेगी भद्रा की साया.


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राखी बांधने के अशुभ मुहूर्त
हिंदी पंचांग के अनुसार सावन माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 11 अगस्त को सुबह 09 बजकर 35 मिनट से हो रही है, जो 12 अगस्त को सुबह 07 बजकर 17 मिनट तक रहेगी. लेकिन पूर्णिमा तिथि के साथ ही 11 अगस्त को सुबह 09 बजकर 35 मिनट से भद्रा लग जा रहा है, जो रात्रि 08 बजकर 30 मिनट तक रहेगा. हिंदू धर्म में भद्रा काल को अशुभ माना जाता है और इस बीच सभी प्रकार के शुभ कार्य वर्जित होते हैं. इसलिए ज्योतिषाचार्य की मानें तो 11 अगस्त को दिन में राखी बांधने का कोई शुभ मुहूर्त नहीं है.


राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
सावन माह के पूर्णिमा तिथि 12 अगस्त को सुबह 07 बजकर 17 मिनट पर समाप्त हो रही है. ऐसे में 12 अगस्त को सुबह 05 बजकर सुबह 07 बजकर 17 मिनट तक राखी बांधने का विशेष मुहूर्त है. हालांकि ज्योतिषाचार्य की मानें तो हिंदू धर्म में उदया तिथि को सर्वमान्य तिथि माना जाता है. ऐसे में 12 अगस्त को पूरे दिन कभी भी राखी बांधी जा सकती है.


जानिए क्यों नहीं बांधनी चाहिए भद्रा काल में राखी
हिंदू धर्म में भद्रा काल को अशुभ मुहूर्त माना जाता है और इस दौरान सभी प्रकार के शुभ कार्य वर्जित होते हैं. धार्मिक मान्यता अनुसार शूर्पणखा ने अपने भाई रावण की कलाई में भद्रा काल में ही राखी बांधी थी, जिसके चलते एक साल के भीतर रावण के संपूर्ण कुल का विनाश हो गया था. वहीं ये भी मान्यता है कि भद्रा काल में भगवान शंकर तांडव करते हैं और इस दौरान अत्यधिक क्रोध में रहते हैं इसलिए इस दौरान बने हुए कार्य भी बिगड़ जाते हैं.


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(disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)