प्र‍िया पांडे/ भोपाल: रक्षाबंधन का पर्व इस बार बाजार में समृद्धि लेकर आया है. बिना किसी पाबंदियों बहनें अपने भाइयों के कलाई पर राखी बांधने को उत्साहित है तो वहीं इस बार व्यापारी भी अच्छे व्यापार की उम्मीद से बेहद खुश हैं.


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राखी की ड‍िमांड बढ़ी 
इस बार राखी की डिमांड बढ़ी है. कोरोना के कारण बीते सालों में व्यापार बेहद प्रभावित हुआ है. राखी का मार्केट 15 करोड़ के आसपास ही सिमट कर रह गया था लेकिन इस बार ग्राहकों की भीड़ भी अच्छी है. साथ ही इस बार 20 से 22 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है. राखियों का मार्केट इस बार ग्रामीण क्षेत्रों में भी सजा हुआ नज़र आ रहा है.


दो साल से कोरोना महामारी की चपेट में था देश 
इस बार 11 और 12 अगस्त को दो दिन लोग रक्षाबंधन का त्योहार मना रहे हैं. दो सालों के बाद पहली बार लोग रक्षाबंधन पर काेरोना के खौफ से मुक्त होकर खरीदारी कर रहे हैं. साल 2020 और 2021 में रक्षाबंधन के दौरान कोरोना महामारी की चपेट में थे. ऐसे में बाजार में भी भाई और बहन के इस त्योहार पर कुछ खास उत्साह नजर नहीं आया था.  इस बार लोग चिंता मुक्त होकर रक्षाबंधन के लिए खरीदारी कर रहे हैं. 


इस बार हो सकता है 8 हजार करोड़ का ब‍िजनेस 
जानकारी के अनुसार, पिछले साल रक्षाबंधन पर करीब 4 हजार से 5 हजार पांच सौ करोड़ रुपये का कारोबार ही हो पाया था. इस बार उम्मीद है कि यह आंकड़ा 6 हजार करोड़ से 8 हजार करोड़ तक पहुंच सकता है. 


राखी की कीमत में 20 से 25 प्रतिशत तक का उछाल 
राखियों की कीमतों में 20 से 25 प्रतिशत तक का उछाल दिख रहा है. जहां तक राखियों को बनाने में आने वाली लागत का सवाल है तो वह पिछले सालों की तुलना में 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़ गई है लेक‍िन लागत की तुलना में कीमतें अब भी कम ही हैं. उम्मीद है कि पिछले सालों की तुलना में इस साल 40 से 60 फीसदी अधिक राखियां बिकेंगी.  


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