Ramcharitmanas Row: रामचरितमानस विवाद पर शंकराचार्य ने स्वामी प्रसाद मौर्य को बताया दलबदलू नेता, बोले- सरकार करे कार्रवाई
रामचरित मानस (ramcharitmanas controversy) पर विवादित टिप्पणी का विवाद, अब पवित्र ग्रंथ की प्रतियां जलाने तक पहुंच गया है. इसे लेकर भिंड पहुंचे बद्रीकाश्रम पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने स्वामी प्रसाद मौर्य को दलबदलू नेता बताया है.
प्रदीप शर्मा/भिंड: रामचरित मानस (ramcharitmanas controversy) पर विवादित टिप्पणी का विवाद, अब पवित्र ग्रंथ की प्रतियां जलाने तक पहुंच गया है. इसे लेकर भिंड पहुंचे बद्रीकाश्रम पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने बिना नाम लिए स्वामी प्रसाद मौर्य (swami prasad maurya) पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि ये लोग दलबदलू है, सरकार को इनपर कार्रवाई करनी चाहिए.
बता दें कि भिंड के खनेता स्थित विजय राम धाम रघुनाथ मंदिर पर 30 जनवरी से 6 फरवरी तक चल रहे सात दिवसीय सनातन धर्म महा समागम के अवसर पर कार्यक्रम में शामिल होने आए ज्योतिष मठ बद्रिका आश्रम हिमालय शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने ज़ी मीडिया से खास बातचीत करते हुए बड़ा दिया है.
55 भेड़ों की एक साथ हुई रहस्यमयी मौत, पूरे गांव में मचा हड़कंप
सरकार करें कड़ी कार्रवाई
स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा कि रामचरितमानस गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित मानव मात्र को संगठित करने का सूत्र है. जो लोग उस पर टिप्पणी करते हैं, उनको ऐसा नहीं करना चाहिए. यह अपने आप में एक बड़ा धार्मिक भारतीय परंपरा का अपराध है. लेकिन जो भी व्यक्ति ऐसा करता है, उसका मैं नाम नहीं लेना चाहूंगा. राजनैतिक दृष्टि से वह लोग दलबदलू हैं. साथ ही उनकी विचारधारा भी स्थिर नहीं है. सरकार को उन पर कड़ा नियंत्रण करना चाहिए.
धीरेंद्र शास्त्री अच्छा काम कर रहे
बागेश्वर धाम महतं धीरेन्द्र शास्त्री पर किए गए सवाल के उत्तर में उन्होंने कहा कि वह सनातन का कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कोई एक प्रकांड विद्वान जगतगुरु रामभद्राचार्य के शिष्य है. कुल परिस्थिति कृपा है और भाई लोगों की समस्याओं का समाधान करते हैं. उनके इस कार्य में किसी को बाधा नहीं डालनी चाहिए. वह समाज और सनातन हित का कार्य कर रही है.
धर्मांतरण पर हिंदू समाज हो जागरूक
वहीं धर्मांतरण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि वह किसी अनु धर्म के लोगों का धर्मांतरण नहीं करा रहे बल्कि वह धर्मांतरित होकर आए हुए लोगों की वापस बुला रहे हैं. सरकार को भी धर्मांतरण कानून पर कानूनी और व्यवहारिक ढंग से रोक लगाने चाहिए. साथ ही हिंदू समाज को भी जागरुक होना चाहिए.