अद्भुत भक्ति! MP के इस गांव में पिछले 7 साल से जारी है रामायण का अखंड पाठ, 24 घंटे गूंजती है चौपाईयां
Ramcharitmanas in Ratlam: मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में एक ऐसा अनोखा गांव हैं, जहां के ग्रामीणों की भक्ति देख हर कोई अचंभित रह जाएगा. बता दें कि इस गांव में पिछले सात साल से अखंड रामायण का पाठ लगातार जारी है.
Ramcharitmanas Path in Ratlam: इन दिनों देशभर में रामचरितमानस (ramcharitmanas controversy) को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. पक्ष-विपक्ष लगातार विवादित बयान दिए जा रहे हैं. वहीं मध्य प्रदेश के रतलाम (ratlam) में एक ऐसा भी गांव है जहां रामायण के आस्था को लेकर आप हैरान में पड़ जाएंगे. बता दें कि इस गांव में पिछले 7 साल से लगातार रामायण (ramayana) का पाठ जारी है. इस गांव में बारहों महीने 24 घंटे रामायण की चौपाईयां गूंजती रहती है.
130 लोगों की बनाई गई है टीम
दरअसल रतलाम जिले के पंचेड़ गांव में पिछले 7 साल से रामयण का अंखड पाठ जारी है. ये बात सुनकर आपको हैरानी हो रही होगी, कि आखिरी इतने लंबे समय से कैसे अखंड रामायण का पाठ जारी है. बता दें कि इस गांव के लोगों द्वारा 130 लोगों की टीम बनाई गई है. जो अलग-अलग शिफ्ट में गांव के हनुमान जी और शिव जी के मंदिर में अखंड रामायण का पाठ करते आ रहे हैं. ग्रामीणों की मानें तो अखंड रामायण के पाठ से इस गांव में समाजिक एकता और शांति बनी हुई है.
सभी समुदाय के लोग होते हैं शामिल
पंचेड़ गांव में पिछले 7 वर्षों से निरंतर हो रहे रामयण के पाठ का उद्देश्य गांव में शांति और समाजिक एकता को बनाए रखना है. बता दें कि इस अनोखे धार्मिक आयोजन में सभी जाति और समुदाय के लोग मिलजुल कर करते आ रहे हैं. गांव के ज्यादात्तर लोगों को रामयण की चौपाईंयां जुबानी याद भी हो गई है. अखंड रामायण के पाठ में पिछले 7 साल से सभी वर्ग के लोग सहयोग देते आ रहे हैं.
जानिए कैसे शुरू हुई परंपरा
ग्रामीणों के मुताबिक गांव में रामायण की परंपरा 1985 से ली आ रही है. लेकिन उस वक्त सिर्फ सावन के महीने में पूरे 1 महीने का अखंड रामायण का पाठ होता था. वहीं 2016 में ग्रामीणों ने यह फैसला लिया कि क्यों न रामायण का अखंड पाठ हमेशा 24 घंटे किया जाए. हालांकि ये ग्रामीणों के लिए एक बड़ी चुनौती थी. फिर भी चुनौती को स्वीकार ग्रामीणों ने 130 लोगों की टीम तैयार की और अखंड रामायण के पाठ को शुरू कर दिया. तभी से यहां 365 दिन 24 घंटे रामायण का पाठ होता आ रहा है. ग्रामीणों द्वारा इतनी बड़ी चुनौती सच में अद्भुत और अकल्पनीय है.
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