रामनवमी के मौके पर प्रदेश के इन मंदिरों में सजा अद्भुत दरबार, मैहर देवी हों या माँ बगलामुखी आज बरसेगी खास कृपा
आज चैत्र नवरात्र की नवमीं है. इस दिन मां के शक्ति रूप सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. इस मौके पर प्रदेश के कई ऐसे सिद्ध मंदिर हैं, जहां मां आज खास कृपा बरसाती हैं. इन सभी जगहों पर आज भक्तगण रात से ही हाजिरी लगा देते हैं और सुर्योदस की पहली किरण के साथ मां के दर्शन करते हैं.
Ramnavmi 2022: आज चैत्र नवरात्र की नवमीं है. इस दिन मां के शक्ति रूप सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. इस मौके पर प्रदेश के कई ऐसे सिद्ध मंदिर हैं, जहां मां आज खास कृपा बरसाती हैं. इन सभी जगहों पर आज भक्तगण रात से ही हाजिरी लगा देते हैं और सूर्योदय की पहली किरण के साथ मां के दर्शन करते हैं. मैहर में मां शारदा का दिव्य श्रृंगार आज किया है. सुबह चार बजे से ही मंदिर के पट भक्तों के लिए खोल दिए गए. इसके बाद प्रधान पुजारी ने मां की महाआरती की.
मैहर माता
मां दुर्गा की नवमीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री है. आज नवमीं के दिन भक्त इनकी उपासना कर रहे हैं. यह सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं. मार्कण्डेय पुराण के अनुसार अणिमा, महिमा, गरिमा, लधिमा, प्राप्ति प्राकाम्य, ईशित्व और वाशित्व- ये आठ सिद्धियां होती हैं. ब्रह्मा वैवर्त्त पुराण के श्रीकृष्ण जन्मखंड में यह संख्या 18 बताई गई है. मां सिद्धिदात्री भक्तों और साधकों को ये सभी सिद्धियां प्रदान करने में समर्थ हैं. देवी पुराण के अनुसार भगवान शिव ने इनकी कृपा से सिद्धियों को प्राप्त किया था. इनकी अनुकंपा से ही भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हुआ था. इसी कारण वह लोक में अर्द्धनारेश्वरध नाम से प्रसिद्ध हुए.
मां सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाली हैं. इनका वाहन सिंह है. ये कमल-पुष्प पर भी आसीन होती हैं. इनकी दाहिनी तरफ के नीचे हाथ में चक्र, ऊपर वाले हाथ में गदा तथा बांयी तरफ के नीचे वाले हाथ में शंख और ऊपर वाले हाथ में कमल-पुष्प है. नवरात्र -पूजन के नौवें दिन इनकी उपासना की जाती है. इस दिन शस्त्रीय विधि-विधान और पूर्ण निष्ठा के साथ साधना करने वाले सााधक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है.
शत्रुओं पर विजय दिलाने वाली माँ बगलामुखी
आगर मालवा जिले के नलखेड़ा में स्थित प्रसिद्ध माँ बगलामुखी मन्दिर में भी सुबह से ही भक्तों का तांता लग गया. सुबह से ही दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. नवरात्र पर माता का विशेष श्रृंगार किया गया. देश भर से श्रद्धालु माता के मंदिर में दर्शन करने पहुंचे. शत्रुओं पर विजय के लिए खासतौर पर माँ बगलामुखी की उपासना की जाती है.
खजाने वाली माता
ग्वालियर के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक मनसा देवी मंदिर जिन्हें खजाने वाली माता भी कहा जाता है, वहां पर भी सुबह से ही भक्तों के पहुंचने का सिलसिला जारी है. इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां 9 दिन में जो भी पैसा दान पत्र में इकट्ठा होता है, उसमें से अधिकांश पैसा आज के दिन मंदिर में दर्शन करने आए भक्तों को प्रसाद के द्वार पर वितरित कर दिया जाता है. इसके साथ ही आज विशाल भंडारे का भी आयोजन जाता है. इसके साथ ग्वालियर में तमाम मंदिरों में आज विशेष पूजा अर्चना जारी है.
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