चन्द्रशेखर सोलंकी/रतलामः सावन माह की शुरुआत होते ही कावड़ियों का जत्था दिखना शुरू हो गया है. कावड़िया भगवा रंग का वस्त्र पहनकर पवित्र नदियों का जल कावड़ में लेकर प्राचीन और प्रसिद्ध शिव मंदिरों में जाकर भगवान शंकर का अभिषेक कर रहे हैं. इसी क्रम में आज यानी शुक्रवार को रतलाम के श्रद्धालु पैदल ही उज्जैन के लिए कावड़ यात्रा की शुरुआत की है. कावड़िया तीन दिन बाद यानी सोमवार को उज्जैन पहुंचकर बाबा महाकाल का जलाभिषेक करेंगे.


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दो साल बाद कावड़ियों में दिखा उत्साह
बता दें कि रतलाम के 16 कावड़ियों के जत्थे हर साल सावन माह में कावड़ यात्रा निकालते हैं और पैदल ही बाबा महाकाल के दरबार में पहुंचकर उनका जलाभिषेक करते हैं. इनके कावड़ यात्रा की परंपरा पिछले 11 साल से जारी है. लेकिन पिछले दो साल से कोरोना महामारी के चलते कावड़ यात्रा नहीं निकाल रहे थे. दो साल बाद आज निकली कावड़ यात्रा में श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखने को मिला.


सोमवार को करेंगे महाकाल का जलाभिषेक
रतलाम में सोमनाथ महादेव मंदिर इंद्रलोक नगर से श्रद्धालु भारी संख्या में शुक्रवार को उज्जैन महाकाल का अभिषेक करने पैदल निकले हैं. 3 दिन बाद कावड़ यात्रा उज्जैन पहुंचेगी. सोमवार को कावड़यात्रा पूरी कर श्रद्धालु उज्जैन स्थित बाबा महाकाल का जलाभिषेक करेंगे. कई नदियों व प्रसिद्ध धार्मिक स्थल के कुंड से लिये जल को लेकर कावड़ यात्री पैदल उज्जैन महाकाल के लिए निकले है और बड़ी आस्था श्रद्धा और उत्साह के साथ कावड़िये भगवान भोलेनाथ का जयकारा लगा रहे हैं. 


देश के कौने-कौने से आते हैं कावड़ियां
सावन माह में बाबा महाकाल के दरबार में देश के कौने-कौने से कावरियां बाबा महाकाल के दरबार में जलाभिषेक करने आते हैं. पूरे सावन महीने यहां कावडियों का जत्था लगा रहता है और पूरी महाकाल की नगरी जयकारे से गूंज उठती है. कावड़ियां पवित्र नदी से जल लाकर भगवान शंकर का जलाभिषेक करते हैं. 


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