कोर्ट अंदर से देखने का था सपना, एमपी के निखिल ने राजस्थान ज्यूडिशियल एग्जाम में पाई 38वीं रैंक
निखिल की मां मंजू टांक बेटे की सफलता से बेहद खुश और गौरवान्वित हैं. उन्होंने बताया कि जब बेटे ने दिल्ली जाने का मन बनाया था तो उन्हें काफी डर लगा था कि घर से इतनी दूर अकेले निखिल कैसे रहेगा लेकिन आज उसकी सफलता के बाद मां मंजू टांक की खुशी का ठिकाना नहीं है.
चंद्रशेखर सोलंकी/रतलामः मजबूत इरादे, जिंदगी में कुछ पाने की पहली सीढ़ी है. मजबूत इरादों के दम पर ही व्यक्ति विपरीत परिस्थितियों के बावजूद मंजिल तक पहुंचते हैं. ऐसा ही कुछ एमपी के निखिल ने कर दिखाया है. बता दें कि रतलाम के निखिल टांक ने राजस्थान ज्यूडिशियल एग्जाम में 38वीं रैंक हासिल कर अपने जिले और अपने माता-पिता का नाम रौशन कर दिखाया है. फिलहाल निखिल की सफलता पर उसे बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.
कोर्ट देखने का था सपना
रतलाम के दीनदयाल नगर में रहने वाले निखिल टांक ने राजस्थान ज्यूडिशियल परीक्षा में 40 हजार छात्रों में से 38वीं रैंक हासिल की है. 26 वर्षीय निखिल की स्कूली शिक्षा रतलाम से हुई है. इसके बाद निखिल ने रतलाम शासकीय कॉमर्स कॉलेज से बीकॉम की डिग्री हासिल की और साल 2018 में दिल्ली से एलएलबी पूरी की. इसके बाद निखिल साल 2021 में राजस्थान ज्यूडिशियल परीक्षा में शामिल हुए. अब आए रिजल्ट में निखिल ने शानदार सफलता हासिल करते हुए 38वीं रैंक प्राप्त की है. परीक्षा में शामिल हुए 40 हजार छात्रों में से 120 जज के लिए चुने गए हैं, जिनमें निखिल ने 38वीं रैंक हासिल की है.
बचपन का सपना हुआ पूरा
निखिल टांक ओबीसी वर्ग से आते हैं लेकिन एमपी से होने के चलते राजस्थान जाकर परीक्षा देने के कारण नियमों के अनुसार, उन्होंने बतौर सामान्य श्रेणी यह सफलता हासिल की है. निखिल ने बताया कि उन्हें स्कूल टाइम से ही क्राइम मूवी और स्टोरी काफी पसंद थीं. कोर्ट को देखकर उसके अंदर जाने और न्यायिक प्रक्रिया समझने में रुचि थी. यही वजह है कि उन्होंने ज्यूडिशियल परीक्षा देने का फैसला किया और अपने सपने को पूरा किया. निखिल को महाभारत और रामायण काफी पसंद हैं और वह मंच पर होने वाली रामलीला में राम और रावण का किरदार भी निभा चुके हैं.
बेटे की सफलता से मां बेहद खुश
निखिल की सफलता से उसके परिजन बेहद खुश हैं.निखिल के पिता हिम्मत टांक बिल्डिंग मैटेरियल के व्यापारी हैं, वहीं मां घरेलू महिला हैं. निखिल की मां मंजू टांक बेटे की सफलता से बेहद खुश और गौरवान्वित हैं. उन्होंने बताया कि जब बेटे ने दिल्ली जाने का मन बनाया था तो उन्हें काफी डर लगा था कि घर से इतनी दूर अकेले निखिल कैसे रहेगा लेकिन आज उसकी सफलता के बाद मां मंजू टांक की खुशी का ठिकाना नहीं है. निखिल की सफलता से उसके समाज के लोग भी खुश हैं क्योंकि निखिल समाज के पहले व्यक्ति हैं एमपी से, जिन्होंने इस क्षेत्र में सफलता हासिल की है.