अजय मिश्रा/रीवा: रीवा के बीजेपी विधायक केपी त्रिपाठी की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं. जनपद पंचायत के CEO के साथ मारपीट के मामले में सिरमौर अदालत ने उन्हें दोषी मानते हुए नोटिस जारी किया था. विधायक ने न तो नोटिस का संज्ञान लिया और न ही अदालत में हाजिर हुए.इसी के चलते पुलिस ने प्रतिवेदन दिया है. फिर इस पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने दोबारा 22 दिसंबर को अदालत में हाजिर होने के लिए विधायक के खिलाफ नोटिस जारी किया है.अगर विधायक इस बार नहीं हाजिर होंगे तो उनके खिलाफ वारंट भी जारी हो सकता है.


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विधायक 8 दिसंबर को न्यायालय में पेश नहीं हुए
दरअसल, अदालत ने जनपद पंचायत सीईओ के साथ हुई मारपीट के मामले में सिमरिया विधायक के पी त्रिपाठी को दोषी मानते हुए 8 दिसंबर को कोर्ट में हाजिर होने के लिए समन जारी किया था.इसके बाद से विधायक के पी त्रिपाठी 8 दिसंबर को न्यायालय में पेश नहीं हुए.


सिरमौर जनपद पंचायत कार्यालय में सीईओ के पद पर तैनात रहते हुए एस के मिश्रा के साथ में मारपीट के मामले में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए बीजेपी विधायक के पी त्रिपाठी को दोषी ठहराया था. विधायक के ऊपर 341,342,353,332 और 333 सहित अन्य कई धाराओं पर प्रकरण पंजीबद्ध करते हुए उन्हें न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत होने का नोटिस भेजा था. हालांकि विधायक पेश नहीं हुए. न्यायालय के आदेश पर पुलिस द्वारा बीजेपी विधायक की तलाश की जा रही है और कोर्ट में हाजिर होने के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हो सकता है.


जानें पूरा मामला?
3 महीने पूर्व जिले के सिमरिया विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक के पी त्रिपाठी और सिरमौर जनपद पंचायत में सीओएस के मिश्रा के बीच हुए फोन पर बातचीत के दौरान 'तू तू मैं मैं' का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. फिर ऑडियो वायरल होने के चंद घंटों के भीतर जनपद पंचायत के सीओएस के ऊपर प्राणघातक हमला हो गया.उसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए.साथ ही उन्हें गंभीर चोटें आईं और कई दिनों तक वह अस्पताल में भर्ती रहे. इस बीच उनके साथ मारपीट करने वाले तीन आरोपियों को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था.


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पुलिस कर रही है तलाश 
साथ ही न्यायालय द्वारा बीजेपी विधायक के खिलाफ 341,342,353, 332 और 333 सहित अन्य कई धाराओं पर पकड़ पंजीबद्ध किया गया था. इसके तहत न्यायालय द्वारा भेजी गए नोटिस के आधार पर बीजेपी विधायक के पी त्रिपाठी को 8 दिसंबर के दिन न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत होना था. उन्होंने नोटिस की तामिली ही नहीं की.जिसके कारण पुलिस ने न्यायालय के समक्ष प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया और किसी कारण के चलते बीजेपी विधायक के पी त्रिपाठी जिले से बाहर थे.जिसकी वजह से उन्होंने नोटिस नहीं लिया और पुलिस के प्रतिवेदन पर न्यायालय सिरमौर ने द्वितीय आदेश जारी करते हुए अगले दिनांक 22 दिसंबर को बीजेपी विधायक को कोर्ट में प्रस्तुत होने का नोटिस भेजा है. इसके बाद से पुलिस द्वारा बीजेपी विधायक के पी त्रिपाठी की तलाश की जा रही है.



 


जनपद सीईओ एस के मिश्रा ने कही ये बात
वहीं न्यायालय में जनपद सीईओ एस के मिश्रा की तरफ से पैरवी कर अधिवक्ता राजेश सिंह ने बताया कि पुलिस सत्ता के दबाव में आकर बीजेपी विधायक को बचाने में लगी हुई है. यही वजह है कि कल गुड में मोहनिया घाटी के लोकार्पण समारोह में सीएम और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के साथ बीजेपी विधायक के पी त्रिपाठी भी शामिल हुए थे. बावजूद इसके पुलिस को बीजेपी विधायक के पी त्रिपाठी नहीं दिख रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम यह वीडियो कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करेंगे.