जानिए क्या है RTE कानून, जिसके तहत प्राइवेट स्कूलों में मुफ्त होती है गरीब बच्चों की पढ़ाई
बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य रूप से शिक्षा देने के लिए साल 2009 में राइट टु एजुकेशन कानून लाया गया था और यह कानून 1 अप्रैल 2010 से पूरे देश में लागू हो गया था.
प्रमोद शर्मा/भोपालः शिक्षा का अधिकार कानून (RTI) के तहत सत्र 2022-23 के लिए प्राइवेट स्कूलों में पहली कक्षा में मुफ्त एडमिशन के लिए पहले ही दिन 8 हजार से ज्यादा आवेदन आए हैं. ये सारे आवेदन ऑनलाइन प्राप्त हुए हैं. बता दें कि एमपी ऑनलाइन कियोस्क के माध्यम से रजिस्ट्रेशन के पहले ही दिन 8, 132 आवेदन प्राप्त हुए हैं.
बता दें कि आरटीई के तहत एडमिशन के लिए 30 जून तक आवेदन किए जा सकेंगे. इच्छुक लोग आरटीई पोर्टल www.educationportal.mp.gov.in पर जाकर आवदेन का प्रारूप देख सकते हैं.आवेदन के साथ पात्रता संबंधित कोई भी एक दस्तावेज अपलोड किया जाना होगा. आगामी 5 जुलाई को ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से छात्रों को निजी स्कूलों में सीटों का आवंटन किया जाएगा.
क्या है RTE (Right To Education) ACT
बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य रूप से शिक्षा देने के लिए साल 2009 में राइट टु एजुकेशन कानून लाया गया था और यह कानून 1 अप्रैल 2010 से पूरे देश में लागू हो गया था. इस कानून के तहत 6-14 साल के बच्चों को मुफ्त शिक्षा की गारंटी मिलती है. यह एक्ट सुनिश्चित करता है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के साथ शिक्षा को लेकर भेदभाव ना किया जाए.
आरटीई कानून के तहत प्रावधान किया गया है कि निजी और विशेष श्रेणी वाले स्कूलों को भी पहली कक्षा में 25 फीसदी सीटें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए आरक्षित रखनी होंगी.