इस व्रत कथा के बिना अधूरा है सकट चौथ का व्रत, जानिए पूजा विधि और चंद्रोदय का समय
Sakat Chauth Lord Ganesh Puja Vidhi: हर साल माघ माह के कृष्ण पक्ष के दिन सकट चौथ का व्रत रखा जाता है. आइए जानते हैं सकट व्रत कथा और पूजा विधि...
Sakat Chauth Vrat Katha in Hindi: आज यानी 10 जनवरी मंगलावार को सकट चौथ का व्रत है. आज के दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है. महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु के लिए गणेश चतुर्थी का व्रत रखती हैं. साथ ही निसंतान दंपत्ति संतान प्राप्ति के लिए भी सकट चौथ का व्रत रखती हैं. इस व्रत को महिलाएं चंद्रोदय के बाद खोलती हैं. शास्त्रों के अनुसार सकट चतुर्थी का व्रत कथा सुनने के बाद ही पूर्ण माना जाता है. वरना व्रत अधूरा रह जाता है. आइए जानते हैं क्या है सकट चतुर्थी व्रत की कथा और कब होगा चंद्रोदय.
सकट चौथ व्रत कथा
सकट चौथ व्रत कथा के पीछे कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं. इनमें से एक कथा भगवान शंकर, माता पार्वती और गणेश से जी से जुड़ी है. प्रचलित मान्यतानुसार मां पार्वती एक बार स्नान करने के लिए गईं. स्नान करने से पहले गणेश जी को खड़ा किया और कहा कि जब तक मैं स्नान करके बाहर नहीं आऊ तब तक किसी को अंदर आने मत देना. गणेश भगवान अपनी मां की बात का पालन करते हुए पहरा देने लगे. इसी दौरान भगवान शंकर मां पार्वती से मिलने आ गए. लेकिन गणेशजी ने उन्हें दरवाजे पर रूकने को कहा. भगवान शंकर को यह बात बहुत खराब लगी और वे क्रोधित हो गए. इसके बाद आवेश में आकर भगवान शंकर ने त्रिशूल से गणेश जी पर वार कर दिया. जिससे उनकी गर्दन शरीर से अलग हो गई.
शोरगुल सुन जब माता पार्वती बाहर आकर देखीं तो गणेश जी की गर्दन कटी हुई पड़ी थी. यह देख मां पार्वती रोने लगीं और शंकर भगवान से गणेश जी का प्राण वापस मांगी. जिसके बाद भगवान शंकर ने हाथी का सूड सहित सिर लाकर गणेश जी को के शरीर में जोड़ दिया और गणेश जी को दूसरा जीवन मिल गया. तभी से गणेश जी का सिर हाथी की सूंड की तरह हाथी की तरह हो गया. उसी समय से महिलाएं संतान की लंबी आयु के लिए गणेश चतुर्थी का व्रत रखती हैं.
सकट चौथ पर कई शुभ संयोग
आज सकट चौथ पर कई शुभ योग बन रहे हैं. आज सुबह 07 बजकर 15 मिनट से सुबह 09 बजकर 01 मिनट तक सर्वाद्ध सिद्दि योग रहेगा. वहीं सूर्योदय से लेकर 11 बजकर 20 मिनट तक प्रीति योग रहेगा. आयुष्मान योग सुबह 11 बजकर 20 मिनट से शरू होकर पूरे दिन रहेगा.
चंद्रोदय का समय
आज चंद्रोदय शाम 08 बजकर 41 मिनट पर होगा. ऐसे में सकट चौथ व्रत का पारण इसके बाद ही होगा. चंद्रोदय के समय चांदी के पात्र में दूध मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य दें. ऐसा करने से चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है और सभी नकारात्मकताएं खत्म हो जाती हैं.
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(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)