Sammed Shikhar: सम्मेद शिखर मामले पर जैन समाज को मिला इंदौर बीजेपी सांसद का साथ, दी आंदोलन की चेतावनी
Support for Sammed Shikhar: सम्मेद शिखर को लेकर विवाद गहराता जा रहा है, जिसके तहत इंदौर सांसद शंकर लालवानी (shankar lalwani Support Jain Samaj) ने भी आंदोलन की चेतावनी दी है. सांसद ने कहा है कि सोरेन सरकार (Government of Jharkhand) अपने फैसले को वापस ले वरना देशव्यापी प्रदर्शन होगा.
Sammed Shikhar Jain Community: सम्मेद शिखर (Shri Sammed Shikhar) को लेकर उपजा विवाद दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है. देश भर में व्यापक पैमाने पर इसका विरोध किया जा रहा है. इसका विरोध अब झारखंड (Jharkhand Government) राज्य में न रहकर और भी राज्यों में देखा जाने लगा है. जिसके तहत मप्र के इंदौर (Madhya Pradesh Indore) से सांसद शंकर लालवानी ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) को एक पत्र लिखा और सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल बनाने के विरोध में रांची में आंदोलन करने की चेतावनी दी है.
कीर्ति स्तंभ पर कल होगा मौन धरना
सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में सांसद शंकर लालवानी के नेतृत्व में दिगंबर और श्वेतांबर जैन समाज के द्वारा 4 जनवरी को रीगल चौराहे के स्थित कीर्ति स्तंभ पर सांकेतिक मौन विशाल धरने का भी आयोजन किया जा रहा है. बता दें कि इस धरने के माध्यम से लोग सोरेन सरकार के फैसले को वापस लेने की मांग करेंगे.
क्या है सम्मेद शिखर विवाद
सम्मेद शिखर जैन धर्म का एक पवित्र स्थल है. जो झारखंड राज्य के पारसनाथ पर्वत पर स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर 24 में से 20 तीर्थंकरो ने मोक्ष की प्राप्ति की थी. इसके अलावा ऐसा कहा जाता है कि 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ ने भी निर्वाण प्राप्त किया था. जिसकी वजह से इस पवित्र पर्वत के शिखर तक श्रद्धालु पैदल जाते हैं. मान्यता के अनुसार जैन धर्म का यह पवित्र स्थल है. जिसको केंद्र सरकार ने साल 2019 में इस स्थल को इको सेंसिटिव जोन घोषित किया था. जिसके बाद झारखंड सरकार ने इसे पर्यटन स्थल घोषित कर दिया था. यहां पर शराब मांस इन सब का सेवन प्रतिबंधित है लेकिन अभी हाल में ही एक युवक की शराब पीते हुए वीडियो वायरल हुआ था. जिसके बाद जैन समुदाय का कहना है कि मांस और शराब का सेवन होने से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है. इसके बाद ये मामला विवाद का कारण बन गया इसका विरोध दिल्ली के प्रगति मैदान में भी हुआ कई राज्यों में इसका विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. बता दें कि जैन प्रदर्शनकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलकर इसे धार्मिक स्थल घोषित करने की मांग की है.