सतना में पालतू जर्मन शेफर्ड कुत्ते ने किया मालिक पर हमला, गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती
मध्य प्रदेश के सतना जिले में एक जर्मन शेफर्ड नस्ल के कुत्ते द्वारा अपने मालिक पर हमला करने का मामला सामने आया है. इस हमले में युवक को गंभीर चोटें आई हैं. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
संजय लोहानी/सतनाः हाल के दिनों में पालतू कुत्तों द्वारा अपने मालिक या किसी अन्य पर हमला करने की कई घटनाएं सामने आई हैं. अब ऐसी ही एक घटना मध्य प्रदेश के सतना जिले में देखने को मिली है. जहां एक जर्मन शेफर्ड नस्ल के कुत्ते ने उसकी देखभाल करने वाले युवक पर ही हमला कर दिया. इस हमले में युवक गंभीर रूप से घायल हुआ है. जिसका जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है.
क्या है मामला
घटना सतना जिले के अमरपाटन थाना क्षेत्र के इटमा कोठार की है. जहां रहने वाले सनी सिंह पर उसी के पालतू कुत्ते ने हमला कर दिया. सनी सिंह ही कुत्ते की देखभाल करता था और उसे दोनों वक्त का खाना खिलाता था. दरअसल सनी के चचेरे भाई कप्तान सिंह एयरफोर्स में हैं. 4 दिन पहले ही कप्तान सिंह ने एक जर्मन शेफर्ड नस्ल का कुत्ता भोपाल भेजा था. कप्तान सिंह ने सनी को कुत्ते का ख्याल रखने को कहा था.
जिसके बाद सनी ही जर्मन शेफर्ड कुत्ते को खाना-पानी देता और उसका ख्याल रखता था. हालांकि कुत्ता कई बार सनी को नाखूनों और दांतों से जख्मी कर चुका था. शनिवार को घर में बच्चे खेल रहे थे और जर्मन शेफर्ड नस्ल का कुत्ता खुला घूम रहा था. ऐसे में सनी ने कुत्ते को बांधने की कोशिश की ताकि बच्चों को कोई खतरा ना रहे. इसी दौरान कुत्ते ने सनी पर हमला कर दिया. कुत्ते ने सीधे सनी की गर्दन पकड़ ली. किसी तरह सनी ने गर्दन छुड़ाई तो कुत्ते ने सनी के हाथ, चेहरे और सिर पर भी हमला कर दिया. किसी तरह सनी को कुत्ते के चंगुल से छुड़ाकर अस्पताल ले जाया गया.
पहले युवक को अमर पाटन के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया लेकिन हालत को देखते हुए युवक को सतना के जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. फिलहाल युवक का इलाज चल रहा है. वहीं घटना की सूचना अमरपाटन पुलिस को भी दी गई है.
बता दें कि बीते दिनों ही यूपी में ऐसे ही एक पालतू कुत्ते ने बुजुर्ग महिला पर हमला कर उनकी जान ले ली थी. यही वजह है कि यूपी के गाजियाबाद में तो पिटबुल और रॉटवीलर नस्ल के कुत्तों को पालने पर ही पाबंदी लगा दी गई है. गाजियाबाद नगर निगम ने इस संबंध में नियम बनाए हैं. जिन लोगों के पास पहले से ही इन नस्लों के कुत्ते हैं, उन्हें 2 महीने के भीतर उनकी नसबंदी कराकर उनका रजिस्ट्रेशन कराने के निर्देश दिए गए हैं. जो व्यक्ति इस निर्देश का पालन नहीं करेगा, उनसे निगम द्वारा जुर्माना वसूला जाएगा. इससे पहले कानपुर नगर निगम ने भी ऐसा ही एक प्रस्ताव पास किया था. जिसमें खतरनाक नस्ल वाले कुत्तों को पालने पर रोक लगा दी गई थी.