संजय लोहानी/प्रमोद शर्मा/भोपालः कांग्रेस की महापौर प्रत्याशियों की सूची में एक नाम सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा का भी था. अब कांग्रेस पार्टी ने सिद्धार्थ कुशवाहा को एक और बड़ी जिम्मेदारी दी है. दरअसल सिद्धार्थ कुशवाहा को कांग्रेस ने पिछड़े वर्ग का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर बड़ी जिम्मेदारी दी है. पहले कांग्रेस नेत सिद्धार्थ कुशवाहा को सतना नगर पालिका निगम से  महापौर पद का प्रत्याशी बनाकर चौंकाया और उसके कुछ ही घंटों बाद उन्हें एक और बड़ी जिम्मेदारी दे दी है.  


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ओबीसी वर्ग पर नजर
प्रदेश कांग्रेस पिछड़ा वर्ग का अध्यक्ष बनाए जाने पर सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा ने कहा कि वह उन्हें मिली इस बड़ी जिम्मेदारी के बाद, पूरे प्रदेश में पिछड़े वर्ग के लोगों को कांग्रेस के साथ जोड़ने का बड़ा अभियान चलाएंगे. कुशवाहा ने कहा कि उनका लक्ष्य आगामी विधानसभा चुनाव होगा. बता दें कि सिद्धार्थ कुशवाहा साल 2018 में पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. कुशवाहा ने तीन बार के विधायक और भाजपा के कद्दावर नेता शंकरलाल तिवारी को 13 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था. 


सिद्धार्थ कुशवाहा को कमलनाथ का करीबी भी माना जाता है. साल 2020 में जब मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ था, उस वक्त भी कई बार सिद्धार्थ कुशवाहा का नाम चर्चा में आया था. दरअसल सिद्धार्थ कुशवाहा के भी पाला बदलने की अटकलें थी. हालांकि उन्होंने कमलनाथ का साथ नहीं छोड़ा और कांग्रेस के साथ रहे. उल्लेखनीय है कि सिद्धार्थ कुशवाहा के पिता सुखलाल कुशवाहा ने लोकसभा चुनाव में पूर्व सीएम अर्जुन सिंह को पराजित किया था.


पार्टी में उठे विरोध के स्वर
 वहीं सिद्धार्थ कुशवाहा को कांग्रेस पिछड़ा वर्ग का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने पर कांग्रेस में विरोध के स्वर फूट पड़े हैं. दरअसल पिछड़ा वर्ग के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष राजमणि पटेल की विदाई से उनके कई समर्थक नाराज बताए जा रहे हैं. प्रदेश कांग्रेस महासचिव पवन पटेल ने बताया कि राजमणि को हटाने से ओबीसी वर्ग के बीच ठीक मैसेज नहीं गया है. ओबीसी कार्यकर्ता नाराज और हतोत्साहित  हैं. पवन पटेल ने कहा कि ओबीसी वर्ग को कांग्रेस पार्टी से जोड़ने के लिए हमने 100 फीसदी कोशिश की लेकिन पता नहीं पार्टी को हमारे काम में कमी लगी. 


पवन पटेल ने कहा कि ओबीसी वर्ग को पार्टी से जोड़ने के लिए हमने प्लान बनाया था, जिसके तहत 2018 में सत्ता की वापसी हुई और अब हम 2023 की तैयारियों में जुटे थे. अब तैयारियों के बीच में फेरबदल करने से कार्यकर्ताओं के बीच मैसेज ठीक नहीं गया है. पवन पटेल ने कहा कि उनके पास कार्यकर्ताओं के फोन आ रहे हैं और कार्यकर्ता नाराज हैं. ऐसे में कार्यकर्ताओं को पार्टी के साथ जोड़े रखने में दिक्कत होगी.