भोपाल। आज से सावन का पावन महीना शुरू हो गया है, सुबह से ही शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ लगी हुई है. सावन के महीने में देवो के देव भगवान शिव की आराधना की जाती है. ज्योतिष के अनुसार इस महीने में शिवजी की पूजा का दोगुना फल मिलता है. वैसे तो देशभर में भगवान शंकर के 12 ज्योर्तिंलिंग दुनियाभर में प्रसिद्ध है. लेकिन देश का हृदय स्थल मध्यप्रदेश भी भोलेनाथ की विशेष भक्ति के लिए जाना जाता है. मध्य प्रदेश में  12 ज्योतिर्लिंग में से दो महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर के साथ भगवान शंकर के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं. जहां सावन माह में भक्तों की भारी भीड़ लगती है. आप भी इन मंदिरों के बारे में जानिए. 


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बाबा महाकाल मंदिर उज्जैन
12 ज्योतिर्लिंग में से एक उज्जैन का बाबा महाकाल मंदिर पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. यहां होने वाली भस्मारती का विशेष महत्व माना जाता है. उज्जैन में 12 वर्ष में एक बार सिंहस्थ कुंभ का भी आयोजन होता है. इसके अलावा उज्जैन में भगवान शंकर का  84 महादेव मंदिर भी है, जिसे 84 महादेव के नाम से जाना जाता है. सावन के महीने में भगवान महाकाल के दर्शन का विशेष लाभ मिलता है. यही वजह है कि पहले ही दिन से बाबा के दर्शनों के लिए भक्तों की भारी भीड़ जुटती है. 


ओंकारेश्वर मंदिर खंडवा 
पवित्र नर्मदा नदी के किनारे बसे ओंकारेश्वर में भगवान शिव ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर और ममलेश्वर दो रूपों में विराजमान हैं, जो भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक हैं. माना जाता है कि भगवान शंकर यहां माता पार्वती के साथ विराजमान है माना जाता है कि भगवान शंकर यहां मात पार्वती के साथ रात्रि विश्राम करते हैं और दोनों चौसर भी खेलते हैं. इसलिए इस मंदिर में चौसर-पांसे, पालना और सेज सजाएं जाते हैं.  महाशिवरात्रि के पर्व पर यहां विशेष पूजा होती है. सावन के महीने में यहां भी भक्तों की भारी भीड़ जुटती है. 


भोजपुर मंदिर 
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 23 किलोमीटर दूर रायसेन जिले में स्थित भोजपुर मंदिर पूरे देश में प्रसिद्ध है. मान्यता है कि यहां विराजमान शिवलिंग विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग है. इस शिवलिंग की ऊंचाई 3.85 मीटर है, मान्यता है कि पांडवों ने इस मंदिर का निर्माण एक रात में ही किया था. भगवान शंकर के इस मंदिर को भोजपुर मंदिर के नाम से जाना जाता है. बेतवा नदी के किनारे स्थित इस मंदिर में हर दिन भक्तों की भारी भीड़ जुटती है, सावन माह में यहां दर्शन का विशेष लाभ माना जाता है. 


पशुपतिनाथ मंदिर मंदसौर 
मंदसौर शहर में शिवना नदी के किनारे स्थित पशुपतिनाथ मंदिर मध्य प्रदेश सहित देशभर में भगवान शंकर के भक्तों की आस्था का विशेष केंद्र माना जाता है. यहं विराजमान भगवान शंकर की मूर्ति के आठ मुख हैं. यह मूर्ति  चमकते हुए गहरे तांबे के उग्र चट्टान-खंड में बनी हुई है. जहां पहला भाग 4 शीर्ष पर और दूसरा भाग 4 शीर्ष तल में विराजमान है. 


चौरागढ़ महादेव मंदिर, पचमढ़ी, होशंबाद 
मध्य प्रदेश के एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी में स्थित चौरागढ़ महादेव मंदिर भी भक्तों की आस्था का बड़ा केंद्र माना जाता है. मध्य प्रदेश की सबसे ऊंची चोटी चौरागढ़ पर स्थित इस मंदिर में त्रिशूल चढ़ाने की मान्यता है, इसलिए भक्त इस मंदिर में भगवान को त्रिशूल चढ़ाते हैं. यहां 50 हजार से भी ज्यादा त्रिशूल हैं. महाशिरात्रि के अवसर पर यहां मेले का आयोजन होता है. मान्यता है कि भस्मासुर को वरदान देने के बाद भगवान शंकर ने इसी स्थान पर निवास किया था. इसलिए यहां भक्तों की भारी भीड़ जुटती है.


बांदकपुर धाम, दमोह 
दमोह जिले में स्थित बांदकपुर मंदिर भी मध्य प्रदेश का प्रसिद्ध शिवमंदिर है. इस मंदिर में विराजे भगवान शंकर को जागेश्वरनाथ धाम के नाम से भी जाना जाता है. इस मंदिर में दिव्य स्वयंभू शिवलिंग है, जो पूरे बुंदेलखंड सहित भारत भर में भक्तों की आस्था का केंद्र है. स्थानीय लोग यहां विराजमान शिवलिंग को देश का 13वां ज्योर्तिंलिंग भी मानते हैं. तो आप भी मध्य प्रदेश आइए और भगवान शंकर के दर्शनों का लाभ उठाइए. 


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