प्रमोद सिन्हा/खंडवाः सावन माह के दूसरे सोमवार खंडवा जिले की तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली है. सुबह से ही लोग दर्शन तथा पूजन के लिए कतार में लगे हैं. वहीं इंदिरा सागर बांध और ओंकारेश्वर बांध के गेट खोले जाने के कारण नर्मदा नदी में स्नान तथा नौका विहार पर प्रतिबंध लगा है. जिस वजह से श्रद्धालु मां नर्मदा में डुबकी तो नहीं लगा पाए. लेकिन भगवान ओंकारेश्वर तथा ममलेश्वर दोनों ही मंदिरों में भक्तों की आस्था का सैलाब देखने को मिला.


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सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
सावन माह में दोनों मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने भी सुरक्षा तथा लोगों को व्यवस्थित दर्शन करने के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं. धार्मिक मान्यता अनुसार सावन माह में भगवान शिव की आराधना करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है और सभी कष्टों को भोलेनाथ दूर करते हैं. इसलिए सभी शिव भक्तों को सावन माह का हमेशा इंतजार रहता है.


जानिए क्या कहा मंदिर के पूजारी ने
ओंकारेश्वर मंदिर के पंडित डंकेश्वर दीक्षित ने बताया है कि शिवपुराण के ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का द्वादश ज्योतिर्लिंग में चौथा स्थान है. यहां भगवान ओंकारेश्वर मां नर्मदा के तट पर निराकार स्वरूप में साक्षात विराजमान हैं. आज सावन महीने का दूसरा सोमवार और प्रदोष व्रत होने के नाते यहां भक्तों में गजब का उत्साह देखने को मिला. श्रद्धालु ओंकारेश्वर महादेव का दर्शन करने के लिए देश के अलग-अलग कोने से आए हुए हैं.


नर्मदा नदी में स्नान और नाव चलाने पर रोक
ओंकारेश्वर बांध और इंदिरा बांध के गेट खोले जाने से नर्मदा नदी का जलस्तर बढ़ गया है. जलस्तर बढ़ने से प्रशासन ने नर्मदा नदी में नाव चलाने और स्नान करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. वहीं नर्मदा नदी में जलस्तर बढ़ने से निचली बस्तियों में अलर्ट कर दिया गया है. बता दें कि सावन महीने में श्रद्धालु भगवान ओंकारेश्वर का दर्शन करने बड़ी संख्या में पहुंचते हैं. जिसके चलते लोगों के सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है.


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