Sawan 2022: रतलाम के इस प्राचीन शिव मंदिर में होता है चमत्कार, सावन में लगेगा भक्तों का तांता
Sawan Month 2022: रतलाम जिले के करमदी गांव में प्राचीन शिव मंदिर के पास स्थित गंगा कुंड में ग्रामीणों द्वारा 21 फिट के शिवलिंग का निर्माण कराया गया है. सावन महीने में इस शिवलिंग का दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ देखने को मिलेगी.
चंद्रशेखर सोलंकी/रतलामः ( Sawan 2022) 14 जुलाई से शिव जी का प्रिय महीना सावन शुरू हो रहा है. सावन के महीने में सभी प्राचीन मंदिरों में शिवभक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन इस बार रतलाम जिले के करमदी के प्राचीन शिव मंदिर पर विशाल शिवलिंग श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण रहेगा. यहां भक्त प्राचीन गंगा कुंड में निर्मित सतह से 21 फीट की ऊंचाई के शिवलिंग के दर्शन और जलाभिषेक करेंगे.
दरअसल रतलाम जिले के करमदी गांव में शिव का प्राचीन मंदिर है और इस मंदिर के पास ही एक प्राचीन गंगा कुंड स्थित है. इस कुंड में कभी पानी खत्म नहीं होता है. इसलिए ऐसी मान्यता है कि यहां मां गंगा का आगमन होता है, जिससे इस कुंड में कभी पानी नहीं खत्म होता है.
3 महीने में 21 फिट के शिवलिंग का हुआ निर्माण
इस प्राचीन गंगा कुंड में इस बार ग्रामीणों ने एक विशाल शिवलिंग का निर्माण किया है. इस शिवलिंग की कुंड में सतह से शीर्ष तक कि ऊंचाई 21 फीट है. वहीं जलाधारी से शिवलिंग 16 फीट है. इसे बनाने में 3 माह का समय लगा है. इस विशाल शिव लिंग के निर्माण की जानकारी मिलते ही श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया है. मंदिर के पुजारी शम्भू शर्मा ने बताया कि आने वाले 14 जुलाई से शुरू होने वाले सावन माह में करमदी गांव के इस प्राचीन शिव मंदिर पर भक्तों का जनसैलाब विशाल शिवलिंग के दर्शन और जलाभिषेख के लिए उमड़ेगा.
100 फिट के दायरे में कभी नहीं खत्म होता है पानी
इस प्राचीन शिव मंदिर को लेकर ग्रामीणों का कहना है कि भगवान शिव का ऐसा चमत्कार यहां है कि इस मंदिर के 100 फीट के दायरे में किसी भी मौसम में 30 फीट पर ही पानी निकल आता है. यहां 100 फीट दायरे में जो भी बोरवेल है कभी नहीं सूखे है, वहीं गर्मियों में गांव के सारे बोरवेल बन्द हो जाते हैं. श्रद्धालु इसे भगवान शिव का चमत्कार मानते है. आने वाले सावन माह में इस प्राचीन शिव मंदिर पर हर सोमवार को भव्य आयोजन होंगे और शिव भक्तों के लिए यहां विशाल शिवलिंग की पूजा जलाभिषेख करना आकर्षण का केंद्र रहेगा.
ये भी पढ़ेंः Shiv Rudraksha: शिव जी को क्यों प्रिय है रुद्राक्ष? जानिए महत्व
LIVE TV