कनीराम यादव/आगर मालवा: लाठियांं घुमाकर अब अपनी आत्मरक्षा करने मे लड़कियां भी पीछे नहीं हैं. लड़कियां अब लाठियां चलाकर आत्मरक्षा के गुर सीख रही हैं. लड़कियों की मानें तो विषम परिस्थितियों मे इस तरह की जानकारी से वे अपनी रक्षा बखूबी कर पाएंगी.


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लड़कियों को लाठी भांजना सिखा रहे हैं टीचर 
हाथों में लाठी, मुठ्ठी बंधी हुई और आंखों में तेज...ये नजारा इस समय मध्‍य प्रदेश के आगर मालवा के स्कूलों मे दिखाई दे रहा है जहां लड़कियों को लाठी भांजना सिखाया जा रहा है. लड़कियां अपने हाथों में लाठी को ऐसे घुमा रही हैं जैसे वाकई यह बच्चों का खेल हो. 


एक हाथ से लाठी घुमा रहीं लड़क‍ियां 
एक हाथ से लाठी को फर्राटे से घुमाना, दोनों हाथों से लाठी पकड़कर उसे चारों दिशा में घुमाना और आमने-सामने खड़े होकर युद्ध करना. ये सब लड़कियां आराम से कर रही हैं.


सामान्य लकड़ी के माध्यम से सामना कर सकती हैं लड़क‍ियां 
कक्षा 9 में पढ़ने वाली मोहिका देवादवकी मानें तो जब वे घर से निकलती हैं और रास्ते में यदि उन्हे किसी लफंगे ने रास्ते में रोका भी तो ऐसे में वे सामान्य लकड़ी के माध्यम से भी उसका सामना कर सकती है. छात्राओं की मानें तो इससे उनका हौसला भी बढ़ता है और सुरक्षा भी होती है. 


 



लड़कियों में इससे हौसला भी बढ़ रहा है
लाठी चलाने की विधा को सिखाने वाले प्रशिक्षक की मानें तो लाठी विधा परंपरागत है और लड़कियां इसमें काफी बढ़-चढ़ कर भाग ले रही हैं. लड़कियों में इससे हौसला भी बढ़ रहा है. लाठियों से लड़कियां चारो दिशाओं से अपनी सुरक्षा भी कर सकती हैं. 


मध्य प्रदेश शासन ने लाठी को अपने खेलों में सम्मलित किया
दरअसल, मध्य प्रदेश शासन ने लाठी को अपने खेलों में सम्मिलित किया है. ऐसे में अब लड़कियां भी बढ़-चढ़ कर इसे सीखकर खुद को मजबूत बना रही हैं. 


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