MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले सीटों को लेकर चर्चाएं होने लगी हैं. इनका इतिहास और वर्तमान खंगाला जा रहा है. आइये इस कारण हम यहां सागर जिले की सुरखी के बारे में बात करते हैं, जहां से अभी सिंधिया समर्थक राजस्व और पर्यटन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत विधायक हैं. इस सीट की सबसे खास बात ये है कि यहां से अभी तक कोई भी लोकल प्रत्याशी चुनाव जीतकर नहीं आया है. सबसे ज्यादा जीत का रिकॉर्ड भी गोविंद सिंह के नाम है.


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क्या हैं जातिगत समीकरण?
सुरखी में करीब 2 लाख वोटर हैं. इसमें से पुरुष मतदाता-1,0,5113 और महिला मतदाता-87,655 हैं. इनके जातिगत आंकड़ों की बात की जाए तो मुख्य रूप से यहां OBC और ठाकुर अच्छा खासा प्रभाव रखते हैं. इसके साथ ही इस क्षेत्र के नतीजों को पंडित भी काफी प्रभावित करते हैं.


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उपचुनाव का हुआ है सामने
2018 विधानसभा चुनाव में सुरखी विधानसभा सीट से कांग्रेस के गोविंद सिंह राजपूत ने 80,806 वोटों के साथ बीजेपी के सुधीर यादव हराया. हालांकि, प्रदेश में बड़े पैमाने पर दलबदल हुआ और सिंधिया के साथ गोविंद सिंह बीजेपी में शामिल हो गए और क्षेत्र की जनता को एक बार फिर उपचुनाव का सामना करना पड़ा. इस दौरान, बीजेपी ने गोविंद सिंह को ही अपना प्रत्याशी बनाया. उपचुनाव में BJP के गोविंद सिंह ने जीत हासिल कर बीजेपी की सरकार को मजबूती दिलाई.


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क्या हैं सियासी गेम
साल 1951 से लेकर हुए 16 चुनाव/उपचुनावों में यहां से 9 बार कांग्रेस जीतकर आई है. वहीं, 4 बार भाजपा जबकि, 1 बार भारतीय जनसंघ, 1 बार जनता पार्टी, 1 बार जनतादल के प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है.


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कब कौन बना विधायक
1951 में कांग्रेस के पं. ज्वाला प्रसाद ज्योतिषी
1957 में कांग्रेस के ही बीबी राय
1962 में कांग्रेस के बीबी प्रेमनारायण राय
1967 में भारतीय जनसंघ के एनपी राय
1972 में कांग्रेस के ग्याप्रसाद कबीरपंथी
1977 में जनता पार्टी के लक्ष्मीनारायण यादव
1980 में कांग्रेस के विट्ठल भाई पटेल
1985 में कांग्रेस के विट्टल भाई पटेल
1990 में जनतादल के लक्ष्मीनारायण यादव
1993 में भाजपा के भूपेंद्र सिंह
1998 में भी भाजपा के भूपेंद्र सिंह
2003 में कांग्रेस के गोविंद सिंह राजपूत
2008 में कांग्रेस के गोविंद सिंह राजपूत
2013 में भाजपा की पारूल साहू केसरी
2018 में कांग्रेस के गोविंद सिंह राजपूत
2020 में भाजपा से गोविंद सिंह राजपूत


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अब तक नहीं बना लोकल MLA
सुरखी सागर जिले की ऐसी सीट है जहां गठन के बाद से एक बार भी लोकल व्यक्ति को विधायक बनने का मौका नहीं मिला. पहले विधायक पं. ज्वाला प्रसाद ज्योतिषी से लेकर विट्ठल भाई पटेल, लक्ष्मीनारायण यादव, भूपेंद्र सिंह, गोविंद सिंह, पारुल साहू तक बाहरी प्रत्याशी हैं. हालांकि, ऐसा नहीं है कि लोकल नेता चुनाव लड़ने नहीं आया पर उसे बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा.