अरुण त्रिपाठी/उमरिया: उमरिया जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत बिलाईकाप के जंगल में संदिग्ध अवस्था मे नर कंकाल मिलने से सनसनी फैल गई. मृतक के कपड़ों से उसकी पहचान ग्राम सिंहपमर निवासी राज रैदास के रूप में हुई है, जो ग्राम बिलाइकाप में अपने नाना नानी के घर रहता था और बीते 18 जुलाई से लापता था. कोतवाली थाना में किशोर के लापता होने की गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी. पुलिस ने इस मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

किशोर की मौत किन परिस्थितियों में हुई उसकी हत्या की गई या अन्य किन परिस्थियों में मौत हुई है पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है.


एक सप्ताह से था लापता
कोतवाली थाने से मिली जानकारी के अनुसार राज रैदास के पिता ने 18 जुलाई को लापता होने की सूचना दी थी. वह 17 जुलाई की दोपहर करीब 2 बजे बिना किसी को बताए घर से निकल गया था. सोमवार को पुलिस को सुबह शिकायतकर्ता के घर के पास जंगल में एक मानव कंकाल मिला, जिसकी पहचान राज रैदास के रुप में हुई. 


जांच में जुटी पुलिस
आठ वर्षीय किशोर रैदास की मौत का कारण अभी भी अज्ञात है. पुलिस इसकी जांच कर रही है. हालांकि, ऐसी अटकलें हैं कि बिलाईकाप जंगल में वन्यजीवों की सक्रियता अधिक होने के कारण किसी जंगली जानवर ने उस पर हमला किया होगा. माना जा रहा है कि जानवर बच्चे को नाले के किनारे खींच ले गया होगा. मामले के पीछे की असली वजह पुलिस की जांच के बाद ही पता चलेगा. 


यह भी पढ़ें:  MP News: इकलौते बेटे का मिला कंकाल, नहीं मैच हुआ DNA, अस्थियों के लिए भटक रहे मां बाप


दमोह में इकलौते बेटे का मिला कंकाल
बता दें कि एमपी के दमोह से भी एक अनोखा मामला सामने आया है. जहां बेटे के माता-पिता उसके अंतिम संस्कार के लिए पुलिस से उसकी अस्थिया मांग रहे हैं, लेकिन पुलिस उन्हें अस्थियां नही दे रही है. अस्थियां मांगने की प्रक्रिया को दो महीने से ज्यादा का वक़्त हो गया हैं. एक पिता अपने बेटे का अंतिम संस्कार तक न कर पाने के लिए मजबूर है. अस्थियां न देने के पीछे की वजह मृतक बच्चे और माता पिता का डीएनए मैच न कर पाना है.