नेहरू स्मृति वन में वन्य प्राणी का शिकार, सेना जवान, नपाकर्मी समेत 8 आरोपी शामिल
Shajapur News: शाजापुर के नेहरु स्मृति वन में एक सेना का जवान और तीन शासकीय कर्मचारी समेत 8 आरोपियों द्वारा जंगली सुअर का शिकार करने का मामला सामने आया है. इसमें 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. जबकि दो आरोपी फरार हैं.
मनोज जैन/शाजापुर: मध्य प्रदेश के शाजापुर के नेहरू स्मृति वन में वन्य प्राणी जंगली सूअर का शिकार कर उसका मांस पकाने का मामला सामने आया है. इस मामले में मुखबिर की सूचना पर वन विभाग की शिकायत पर लालघाटी पुलिस ने आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया. जिनमें से अभी तक 6 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है और 2 आरोपी अभी भी फरार हैं. इस मामले में एक सेना के जवान के अलावा तीन अन्य शासकीय कर्मचारी शामिल हैं.
क्या है पूरा मामला
डीएफओ मयंक चांदीवाल ने बताया 7 जनवरी की शाम 6 बजे वन अमले को मुखबिर से सूचना मिली कि नेहरू स्मृति वन में कुछ लोग जंगली जानवर को मारकर उसे पका रहे हैं. इस पर डिप्टी रेंजर अशोक सिंह बघेल अमले को साथ लेकर मौके पर पहुंचे और वहां देखा 8 लोग आग पर कुछ पका रहे हैं. ज्यादा व्यक्ति होने एवं उनके पास हथियार होने की शंका में डिप्टी रेंजर ने रेंजर को फोन लगाकर पुलिस बल को भेजने की बात कही.
रेंजर ने लालघाटी थाने पर फोन लगाकर पुलिस बल मांगा और वन विभाग और पुलिस की टीम ने दो अलग-अलग रास्तों से आरोपियों की घेराबंदी की. मौके पर मौजूद आठ लोगों में से चार आरोपियों को पकड़ लिया गया और चार भागने में सफल हो गए. चार आरोपी देवकुमार सूर्यवंशी, सुरेश दसालिया, कमल सारवान, रामभरोसे खंगरवाल को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया. मौके से हथियार और अन्य सामान जब्त हुआ है. आरोपी देवकुमार सेना में जवान है और कमल व रामभरोसे नगर पालिका में कार्यरत हैं. सुरेश बिजली कंपनी में कार्यरत हैं.
दो आरोपी बाद में गिरफ्तार
मौके से फरार चार आरोपियों की तलाश की गई, जिसमें से दो आरोपी संतोष पिता मानसिंह भरावत निवासी सनकोटा तहसील तराना जिला उज्जैन और प्रहलाद पिता सिद्धजी निवासी कानड़ हाल मुकाम शाजापुर को गिरफ्तार किया गया. संतोष और प्रहलाद मुख्य आरोपी हैं. शेष चार को सह आरोपी बनाया गया गया है. वहीं फरार दो आरोपियों की तलाश की जा रही है. गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया. न्यायालय ने सभी 6 आरोपियों को जेल भेजा. सभी आरोपी जमानत पर बाहर आ गए.
एक हफ्ते से दबा रहा पूरा मामला
यह मामला बीते 7 जनवरी का है, 8 जनवरी को आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया, यहां से उन्हें जेल भेजा गया. उसके बाद 6 आरोपी जमानत पर बाहर भी आ गए. इस पूरे मामले में वन विभाग और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग रहे हैं. इतनी बड़ी घटना को दोनों ही विभागों ने दबाने का प्रयास किया. एक हफ्ते बाद यह मामला मीडिया के सामने आ सका. एक सेना का जवान और तीन शासकीय कर्मचारी आरोपी में शामिल होने से इसे मीडिया के सामने नहीं आने दिया गया.
आएं दिन होती रहती है पार्टियां
नेहरू स्मृति वन में आएं दिन पार्टियां होती रहती है. यहां पर लोगों ने अड्डा बना रखा है. जंगली जानवरों का शिकार कर पार्टियां मनाई जाती. इस पूरे खेल में कई शासकीय कर्मचारी भी शामिल हैं, जो आएं दिन यहां शराब और कबाब पार्टी करते रहते हैं.
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