Gwalior News: देश में इन दिनों हर जगह धर्मांतरण और लव जिहाद का मु्द्दा गर्माया हुआ है. इस बीच ग्वालियर में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरनंद सरस्वती का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि धर्मांतरण धार्मिक कारणों से नहीं, बल्कि राजनीतिक कारणों से हो रहा है. धर्मांतरण का विरोध, कोई धर्म का व्यक्ति नहीं कर रहा है, बल्कि राजनीतिक लोग अपने फायदें के लिए कर रहे है.


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संसद भवन को लेकर दिया बयान
धर्मांतरण के अलावा शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरनंद सरस्वती ने कहा कि आज विश्वगुरू की बात करते हो,  नए सांसद भवन का प्रारूप विदेश से ले आएं. तो हम तो कहां से हम विश्व गुरू बन गए? राम मंदिर को लेकर उन्होंने कहा कि अभी आधा मंदिर अधूरा है, तो प्राण प्रतिष्ठा कैसे हो सकती है? कोई उसका प्रारुप तो बताओं? शोर करने से कुछ नहीं होगा, आज की परिस्थिति से जो व्यक्ति दुखी है, हिंदू राष्ट्र बनने से कैसे सुखी होगा?


धीरेंद्र शास्त्री पर साधा निशाना 
वहीं शंकाराचार्य ने पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर भी निशाना साधाते हुए कहा कि चमत्कार से काम नहीं चलता है, प्रयास से होता है. चमत्कार से अगर रोग दूर हो जाते तो 100 करोड़ के अस्पताल क्यों बनाए जा रहे हैं?


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UCC पर दिया बयान
शंकाराचार्य ने समान नागरिक सहिंता के बारे में कहा कि हमारे संविधान में ही अभिकथन किया गया है. समान नागरिक संहिता बनाने के नाम पर हम हिन्दुओं के धर्म शास्त्रों की बहुत सारी बातों को हटाकर उनके स्थान पर क़ानून बना दिया गया है. पहले हिन्दू कोड बिल के नाम पर तत्कालीन सरकार ये लेकर आई थी. जिसका व्यापक विरोध हुआ था. उसके बाद छोटे - छोटे टुकड़ों में उसको पास कराया गया. 


धर्मांतरण पर की तीखीं टिप्पणी
अविमुक्तेश्वरनंद सरस्वती शंकराचार्य ने कहा कि देश में धर्मांतरण धार्मिक कारणों से नहीं बल्कि राजनीतिक कारणों से हो रहा है. धर्मांतरण का विरोध कोई धर्म का व्यक्ति नहीं कर रहा है. बल्कि राजनीतिक फायदे के लिए किया जा रहा है. अपने वोट बैंक फायदे के लिए धर्मांतरण को कराते है और बहुसंख्यकों के वोट के लिए नेता धर्मांतरण का विरोध करते है,