सुप्रीम कोर्ट में न फंसे Cheetah Safari सफारी का पेंच, कूनो के अधिकारी जाएंगे अदालत
Cheetah Safari: श्योपुर में देश की पहली चीता सफारी के विकसित होने पर सुप्रीम कोर्ट के नए नियम का ग्रहण लग गया है. इस कारण अफसर अब जल्द ही सुप्रीम कोर्ट से इसकी मंजूरी लेने के लिए जाएंगे.
Sheopur Cheetah Safari: श्योपुर। कुनो नेशनल पार्क श्योपुर में चीतों के आने के बाद मध्य प्रदेश लेपर्ड स्टेट बन गया. इसके बाद सरकार सफारी बनाने के प्रयास कर रही है जिससे इलाके में पर्यटन को बढ़ावा मिल सके. लेकिन, नेशनल पार्क के साथ-साथ सेसईपुरा इलाके में 180 हेक्टेयर भूमि में चीता सफारी पर सुप्रीम कोर्ट के नियम से रोक लग गई है. हालांकि, देश की पहली चीता सफारी विकसित करने के लिए वन विभाग की टीम जल्ट सुप्रीम कोर्ट जाएगी.
क्या हैं सुप्रीम कोर्ट आदेश
वन संरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने देश में कहीं भी वन भूमि पर खोले जाने जाने वाले चिड़ियाघर या सफारी बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी अनिवार्य किए जाने के आदेश के जारी किया है.
कोर्ट जाएगा वन विभाग
सेसईपुरा में विकसित की जाने वाली देश की पहली और इकलौती चीता सफारी के लिए अब वन वन विभाग जल्द ही सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी लेने जाएगा ताकि चीता सफारी के काम को जल्द ही शुरू किया जा सके. कोशिश होगी की इसे पर्यटकों के लिए तैयार किया जा सके.
मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश
श्योपुर पहुंचे मोहन सरकार के वन मंत्री नागर सिंह चौहान ने इस मामले में कुनो नेशनल पार्क के अफसरों से बातचीत की है. उन्होंने वन विभाग और कुनो नेशनल पार्क के अफसर को जल्द ही सेसईपुरा में 50 करोड़ की राशि से विकसित की जाने वाली चीता सफारी के लिए सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी लेने की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है.
वन मंत्री ने क्या कहा?
वन मंत्री नागर सिंह चौहान ने कहा की सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मिलने के बाद चीता स्टेट बनने वाले मध्य प्रदेश में देश की पहली चीता सफारी को विकसित किया जा सकेगा. देश की पहली चीता सफारी में घूमने के लिए आने वाले देशी और विदेशी पर्यटकों को चीतों का दीदार मिल सकेगा. पर्यटन से इलाके के लोगों को रोजगार मिल सकेगा.