कोविड-19 के बूस्टर डोज पर सरकार का फैसला, आम जनता को मिला ये फायदा
कोरोना से बचाव के लिए जिन लोगों को कोरोना वैक्सीन की दो डोज लगी थीं, उन्हें अब तक कोरोना की बूस्टर डोज 9 महीने बाद लेने की इजाजत थी. सरकार ने अब इस सीमा को बदल दिया है और अब 6 महीने बाद भी बूस्टर डोज ली जा सकती है.
आकाश द्विवेदी/भोपाल: कोविड-19 के बूस्टर डोज को लेकर सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश के बाद स्टेट हेल्थ डिपार्टमेंट ने जिला कलेक्टरों और सीएमचएचओ को निर्देश जारी किए गए हैं. अब कोरोना वैक्सीन के 6 महीने पूरे होने पर बूस्टर डोज़ लगवाया जा सकेगा. इससे पहले दूसरे डोज़ के 9 माह बाद बूस्टर डोज़ लगता था.
इन लोगों को लगेगा फ्री में बूस्टर डोज
हेल्थ वर्कर्स ,फ्रंटलाइन वर्कर्स, और 60 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों को शासकीय वैक्सीनेशन सेंटर पर बूस्टर डोज़ मुफ्त लगाया जा रहा है. इसके अलावा 18 से 59 वर्ष के नागरिक निजी सेंटरों पर शुल्क देकर डोज़ लगवा सकते हैं.
इस तरह हुई थी बूस्टर डोज की शुरुआत
बता दें कि 10 अप्रैल 2022 से देश भर में बूस्टर डोज लगवाने की शुरुआत हुई थी. पहले दिन ही देशभर में 9 हजार 496 लोगों ने बूस्टर डोज ली थी. 18 साल से ज्यादा उम्र के ऐसे लोग जिनको दूसरा टीका लगवाए हुए 9 महीने से ज्यादा हो चुके थे, ऐसे लोग बूस्टर डोज लगवा सकते थे.
बूस्टर डोज के लिए देना होगा इतना पैसा
निजी कोविड टीकाकरण केंद्र, बूस्टर डोज के लिए सेवा शुल्क के रूप में केवल 150 रुपये तक ही चार्ज कर सकते हैं. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा था कि हेल्थ वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 साल या उससे अधिक उम्र के नागरिक, सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर मुफ्त सहित किसी भी केंद्र पर बूस्टर डोज लगवा सकते हैं. उन्होंने ये भी कहा था कि बूस्टर डोज उसी टीके की होगी, जो पहली और दूसरी डोज के रूप में दी गई थी. बूस्टर डोज के लिए किसी नए रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं होगी क्योंकि सभी लाभार्थी पहले से ही कोविन पोर्टल पर रजिस्टर्ड हैं.
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