आकाश द्विवेदी/भोपालः मध्य प्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव संपन्न हो चुके हैं. जिसके बाद राज्य में लागू आचार संहिता भी खत्म हो गई है. अब आचार संहिता खत्म होने के बाद सरकार का फोकस विकास पर हो गया है. बता दें कि जल्द ही सरकार प्रदेश में 453 सड़कें और 20 पुलों का निर्माण कराने जा रही है. इसके लिए एक सप्ताह के भीतर टेंडर प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. 


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सरकार का ग्रामीण इलाकों में विकास पर खासा जोर है. इसके तहत सरकार ग्रामीण अंचल में सड़कों का जाल बिछाने की योजना बना रही है. 453 सड़कों के निर्माण के लिए सरकार ने 2133 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं. वहीं 20 पुलों के निर्माण के लिए 199 करोड़ करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं. राजधानी भोपाल में ही 51 करोड़ रुपए के विकास कार्य स्वीकृत किए गए हैं. वहीं रीवा संभाग में जल्द ही 131 करोड़ रुपए के विकास कार्य कराए जाएंगे.  


इंदौर में 48 करोड़ 56 लाख रुपए की लागत से 45 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण कराया जाएगा. वहीं ग्वालियर में 18 करोड़ 38 लाख रुपए से 23.39 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण कराया जाएगा. जबलपुर में 22 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जानी है, जिसके लिए 26 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं. सागर में 91 किलोमीटर लंबी सड़क के लिए 116 करोड़ रुपए और उज्जैन संभाग में 37 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण के लिए 43 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं.  


बता दें कि बीती 29 जुलाई को ही जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुए हैं. इन चुनाव में 51 जिलों में से 40 पर बीजेपी को जीत मिली है. वहीं 10 जिलों की पंचायत पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया है. सिवनी जिले में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी समर्थित उम्मीदवार को जीत मिली है. पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में मिली जीत से भाजपा उत्साहित है, यही वजह है कि पार्टी ने आगामी 2023 चुनाव के लिए अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं. फिलहाल सरकार विकास कार्यों पर फोकस कर रही है.