mp news: भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों के लिए जारी चाइल्ड पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया है. इससे प्रदेश के शासकीय सेवकों को बड़ा फायदा माना जाएगा. साथ ही सरकार का ये कदम माना जा रहा है. सरकार की ओर से जारी आदेश के अनुसार, अब प्रदेश में जुड़वा बच्चों को सिंगल चाइल्ड माना जाएगा और उन्हें मिलने वाले तमाम फायदे दिए जाएंगे. अभी राज्य में 1997 से जुड़वा बच्चों को सिंगल चाइल्ड नहीं माना जा रहा था.


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मिलेगा डबल इंक्रीमेंट
अब नए आदेश के अनुसार, मध्य प्रदेश में भी जुड़वा बच्चों को सिंगल चाइल्ड माना जाएगा. अगर सरकारी कमर्चारी जुड़वा बच्चों के बाद स्वयं या पति अथवा पत्नी की नसबंदी कराते हैं तो उन्हें डबल इंक्रीमेंट दिया जाएगा. बता दें अभी केंद्र सरकार समेत देश के लगभग 10 राज्यों में जुड़वा बच्चों को सिंगल चाइल्ड मानने का नियम है और इस सूची में मध्य प्रदेश भी जुड़ गया है.


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1996-97 में बना था ये नियम
मध्य प्रदेश सरकार ने बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए 1980 में ‘हम दो हमारे दो’ का नारा दिया था. इसका पालन करने वालों को अतिरिक्त सुविधाओं का लाभ देने का प्रावधान था. 1996-97 में इसे सिंगल चाइल्ड पॉलिसी के रूप में विकसित कर दिया गया. तब से एक बच्चा होने के बाद नसबंदी कराने वालों को दो इन्क्रीमेंट का फायदा दिया जाने लगा था. लेकिन पहली डिलीवरी में जुड़वां बच्चे हुए तो सिंगल चाइल्ड न मानते हुए लाभ नहीं मिलता था.


क्या हुआ संशोधन
अब मध्य प्रदेश सरकार ने इसमें संशोधन किया गया है. अब यदि पहले जुड़वां बच्चे होंगे के बाद शासकीय सेवक या उनकी पत्नी नसबंदी करवा लेती हैं तो उसे सिंगल चाइल्ड ही माना जायेगा और तो इंक्रीमेंट समेत तमाम फायदे दिए जाएंगे.


अभी तक प्रदेश में जुड़वा बच्चों को अलग-अलग चाइल्ड माना जाता था. हालांकि, अब प्रदेश में इन्हें सिंगल चाइल्ड माना जाएगा. इसका मतलब है कि अब जुड़वा बच्चा पैदा होने की स्थिति में तीन बच्चे वाले भी सरकारी नौकरी में बने रहेंगे. इतनी ही नहीं पहली डिलीवरी में जुड़वा बच्चा पैदा होने पर नसबंदी कराने पर सरकारी कर्मचारियों को दो इन्क्रीमेंट दिए जाएंगे.


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