कांग्रेस ने बीजेपी को बताया सबसे बड़ी पाखंडी पार्टी, कहा जनता जानती है ये राजनीतिक हथकंडे
संत रविदास के नाम पर भव्य मंदिर बनाने की घोषणा होते ही मध्य प्रदेश में नया सियासी मुद्दा (MP Election) छाता दिख रहा है. दरअसल प्रदेश में चुनाव तक दलित समाज (dalit voters in madhya pradeshf) राजनीति के केंद्र बिंदू पर है.
MP Politics: संत रविदास के नाम पर भव्य मंदिर बनाने की घोषणा होते ही मध्य प्रदेश में नया सियासी मुद्दा (MP Election) छाता दिख रहा है. दरअसल प्रदेश में चुनाव तक दलित समाज (dalit voters in madhya pradeshf) राजनीति के केंद्र बिंदू पर है. इसका एक और उदाहरण सीएम शिवराज सिंह (Shivraj Singh) ने दिया, जब उन्होंने राम मंदिर की ही तरह संत रविदास मंदिर के निर्माण की घोषणा की. विपक्ष इसे दलित वोटों को साधने के लिए बीजेपी की पैंतरेबाजी बता रहा है. राजनीतिक जानकार भी इसे बीजेपी का मास्टर प्लान बता रहे हैं. सीएम ने कहा है कि अयोध्या की ही तरह संत रविदास के मंदिर बनाने के लिए बीजेपी SC समाज के एक-एक व्यक्ति को जोड़ेगी.
BJP पर जमकर बिफरी कांग्रेस
संत रविदास का मंदिर बनाने के लिए आम जनता से ही सहयोग लिया जाएगा. सहयोग के लिए एक मुट्ठी चावल, एक ईंट और गांवों से एक मुट्ठी मिट्टी लाई जाएगी. अब इसपर पहले ही सियासत गरमा गई है. कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी विश्व की सबसे बड़ी पाखंडी पार्टी है. चुनाव आते हैं तो इनके मुद्दे बदल जाते हैं. अब विधानसभा चुनाव को लेकर ये सब किया जा रहा है. मामले पर पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने बीजेपी पर हमला किया और कहा कि बीजेपी बाबा साहब के लिखे संविधान को खंड - खंड करना चाहती है. बीजेपी सनातन राष्ट्र या हिन्दू राष्ट्र की बात करती है, तो उनकी मूल भावना ही धर्म निरपेक्ष राष्ट्र की है.
ये वर्ग कांग्रेस का हितैषी था, है और रहेगा
सज्जन सिंह ने कहा कि चुनाव आते ही इन घोषणाओं को राजनीतिक हथकंडे के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. अनुसूचित जाति वर्ग के हमारे भाई बहन सब समझते हैं. अब चुनाव आ रहे हैं तो उनको अंबेडकर साहब दिख रहे हैं. इनका पाखंड चलने वाला नहीं है. यह वर्ग कांग्रेस का हितैषी था, है और रहेगा..
2018 के विधानसभा चुनाव के आंकड़े
बता दें सागर जिला जहां ये मंदिर बनने की बात हुई है, वहां 21 और पूरे बुंदेलखंड में एससी वर्ग के 22 प्रतिशत के करीब वोटर्स हैं. आंकड़े बताते हैं कि इनमें से 70 प्रतिशत से ज्यादा संत रविदास के अनुयायी हैं. पिछले यानि 2018 के विधानसभा चुनाव के आंकड़े देखें तो बुंदेलखंड की 26 सीटों में से बीजेपी ने 15 और कांग्रेस ने 9 सीटें जीती थी. इसके अलावा सपा और बसपा ने 1-1 सीट पर कब्जा किया था.
2013 के विधानसभा चुनाव के आंकड़े
2018 से पहले 2013 की बात करें तो बीजेपी ने 22 सीट पर ताल ठोकी थी. कांग्रेस ने सिर्फ 4 सीट जीती थीं. बीजेपी यहां अपनी पकड़ बनाना चाहती है और इसी के लिए ये उसका बड़ा दांव कहा जा रहा है.