नई दिल्ली:  'मैं चौथी बार इसलिए नहीं आया हूं कि आराम से सत्ता के मद में चूर होकर बैठ जाऊं. हम दिन और रात काम करने के लिए हैं, ताकि लोगों की जिंदगी बदल डालें' ये शब्द मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह के हैं, जो बतौर चौथी बार सीएम के तौर पर काम कर रहे हैं. उनका ये कार्यकाल पिछले 3 कार्यकालों से काफी अलग है. वो इसलिए क्योंकि पहले के तीन कार्यकालों में शिवराज की छवि योजनाओं को लागू करना, प्रदेश को लोगों की चिंता करने वाली छवि थी तब वो सिर्फ मामा कहलाते थे, लेकिन अब वह बुलडोजर मामा कहलाने लगे हैं.


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दरअसल एमपी की राजनीति को समझने वालों का ये भी कहना है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में मामूली अंतर से जो हार बीजेपी को मिली थी, और शिवराज को सत्ता गंवानी पड़ी थी, अब वो ऐसा नहीं होने देना चाहते हैं. चौथे कार्यकाल में वो अपनी इमेज को इतना मजबूत करना चाहते हैं कि फिर मिशन 2023 की तरत पूर्ण बहुमत की सरकार से वो आएं.


गुंडे-माफिया-बदमाशों पर कार्रवाई
सीएम शिवराज सिंह चौहान अपने चौथे कार्यकाल में काफी आक्रामक तेवर में नजर आए. क्योंकि उनके इस कार्यकाल में प्रदेश में गुंडे, बदमाश, भूमाफिया पर सख्त कार्रवाई की जा रही है. सीएम हर जगह कमिश्नर-कलेक्टर को एक बात का हमेशा निर्देश देते है कि माफिया को तोड़कर उनका नेटवर्क ध्वस्त कर दें. अपराधियों को अधिकतम सजा मिले, इसका ध्यान रखें. 


21 हजार एकड़ जमीन मुक्त करवाई
सरकार की मानें तो प्रदेश में अप्रैल तक गुंडों और भूमाफिया से 21 हजार एकड़ जमीन मुक्त कराई जा चुकी है. शिवराज सरकार ने बुलडोजर चलाने के साथ ही 188 भूमाफिया पर रासुका लगाई, तो 498 को तड़ीपार भी किया है. (अप्रैल तक के आंकड़े)



मकान खोदकर मैदान बना दूंगा
शिवराज सिंह चौहान कई मौकों पर मंच से सीधे माफिया और गुंड़ों को चेतावनी देते हुए देखें गए है. उन्होंने एक बार कहा था कि मध्य प्रदेश में जितने भी गुंडे और अपराधी हैं, वे सुन ले कि अगर किसी गरीब और कमजोर की तरफ़ हाथ उठाया तो मैं मकान खोदकर मैदान बना दूंगा. चैन से नहीं रहने दूंगा किसी भी कीमत पर. 



दादागिरी नहीं चलने दूंगा
सीएम शिवराज की आक्रमक शैली का अंदाजा इसी बात ये लगा सकते है कि वो मंच से ही सीधे माफिया गुंड़ों को चेतावनी देते हुए नजर आते है. ये ट्वीट साल 2021 का है जिसमें सीएम शिवराज कहते हुए नजर आ रहे है कि- कुछ लोगों ने मुझे कहा कि गरीबों और जनजातीय भाई - बहनों की जमीन पर कब्जा कर, उन्हें परेशान किया जा रहा है. गुंडे, दादा सावधान हो जाओ. मैं यह दादागिरी चलने नहीं दूंगा. यह भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, जिन्होंने गरीबों और किसानों के साथ गड़बड़ की, उन्हें कड़ा दंड दिया जायेगा.



एमपी में बुलडोजर की सबसे बड़ी कार्रवाई
- एमपी में बुलडोजर चलाने की सबसे बड़ी कार्रवाई 11 अप्रैल को खरगोन दंगे के बाद हुई थी. यहां दंगाईयों की 16 मकान और 30 से ज्यादा दुकानों पर शिवराज मामा या यूं कहे कि बुलडोजर मामा का बुलडोजर चला था.
- इसके बाद रीवा महंत के रेप केस में मददगार संजय त्रिपाठी के शॉपिंग मॉल पर बुलडोजर की कार्रवाई
- श्योपुर में गैंगरेप के आरोपियों पर बुलडोजर
- वहीं मध्यप्रदेश के रतलाम-मंदसौर और पड़ोसी राज्य राजस्थान में लाला-पठान बंधुओं की गैंग काम कर रही थी. सीएम शिवराज ने इस माफिया गिरोह का घमंड चूर कर दिया और इनकी 106 दुकानों को ढहा दिया गया.
- इसके अलावा मामा के बुलडोजर की जद में सतना के भाजपा नेता और पार्टी के पूर्व कार्यसमिति सदस्य मनसुख पटेल की करीब 10 एकड़ की अवैध प्लाटिंग भी न बच सकी. उसे भी बुलडोजर ने तहस नहस कर दिया.



बुलडोजर मामा का मिला टैग
एक वक्त ऐसा आया कि राजधानी भोपाल के कट्टर हिंदुत्ववादी छवि वाले नेता और विधायक रामेश्वर शर्मा को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का माफियाओं पर कार्रवाई का अंदाज इतना पसंद आया कि पूरे भोपाल शहर को बुलडोजर मामा के नाम के होर्डिंग लगा दिए. 



अब मिशन 2023 के तरफ निगाहें
बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी के दौर के सीएम शिवराज सिंह चौहान अकेले मुख्यमंत्री है जो काफी लंबे समय से सत्ता में बैठे हुए है. लेकिन अब 2018 में सत्ता गंवाने के बाद और फिर सिंधिया की मदद से सत्ता में वापिस करने के बाद सीएम ने खुद को काफी बदल दिया. अब उनकी निगाहें 2023 विधानसभा चुनाव की तरफ है कि वो अपने दम पर बीजेपी को बहुमत दिलाएं और फिर से 5वीं बार सीएम बनें.