Gwalior News: ग्वालियर के बनेरी गांव के सरपंच विक्रम रावत हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुष्पेंन्द्र रावत को आज पुलिस ने एक शॉर्ट एनकाउंटर में गिरफ्तार कर लिया. मिली जानकारी के अनुसार आरोपी पनिहार के जंगलों में फरारी काट रहा था. जैसे ही पुलिस को इसकी खबर मिली वैसे ही पनिहार थाना पुलिस  मौके पर पहुंची. आरोपी  पुष्पेंद्र ने पुलिस को देख फायरिंग की. आरोपी के फायरिंग करने के बाद पुलिस ने भी फायरिंग की जिससे उसके पैर पर गोली लगी. आरोपी को इलाज के लिए ले जय रोग अस्पताल ले जाया गया. बता दें कि आरोपी ने जिस हथियार से सरपंच की हत्या की थी उसी हत्यार से उसने पुलिस पर भी फायरिंग की.


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जानें पूरा मामला
बता दें कि 10 अक्टूबर को बीच शहर में सरपंच को पांच नकाबपोश बदमाशों ने गोलियों से भून डाला था. सरपंच के खिलाफ बदमाशों में इतना गुस्सा था कि सिर पर गोली मारने के बाद भी बदमाशों ने 10 गोलियां मारी. जिससे मौके पर ही विक्रम रावत की मौत हो गई. वहीं मृतक की पत्नी ने भितरवार से बीजेपी प्रत्याशी पर हत्या का आरोप लगाया है.


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मृतक के परिजनों ने एसपी ऑफिस के पास शव को रखकर चक्का जाम कर दिया था. परिजनों की मांग थी कि आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार कर उन पर हत्या का मामला दर्ज किया जाए और आरोपियों के मकानों पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई की जाए. पुलिस प्रशासन के द्वारा अभी तक इस मामले में इंदौर आयुक्त मुकेश रावत सहित 6 लोगों पर मामला दर्ज किया है. पांच आरोपियों पर पांच-पांच हजार रुपए का एसपी ने इनाम घोषित किया है. जल्द ही एसपी आरोपियों को पकड़ने की बात कह रहे.


जानें मृतक सरपंच विक्रम रावत के बारे में
बता दें कि बन्हेरी गांव में मृतक विक्रम रावत सरपंच थे. गांव में विक्रम के परिवार के अलावा पीएफ आयुक्त मुकेश रावत का परिवार भी रहता है. दोनों ही परिवारों में सरपंच चुनाव को लेकर रंजिश है. साल 2021 में विक्रम के चचेरे भाई रामनिवास की हत्या मुकेश रावत के परिवार ने की थी. जिसमें मुकेश रावत सहित 12 लोगों को आरोपी बनाया था. मुकेश रावत के रसूख के चलते मुकेश को अग्रिम जमानत मिल गई थी. 2021 में हुए हत्याकांड में मृतक विक्रम मुख्य गवाह था. 


रिपोर्ट- प्रियांशु यादव