संजय लोहानी/चित्रकूट: भगवान राम के मंदिर चित्रकूट में श्रावणी अमावस्या (Shravani Amavasya 2022) के पर्व पर आज लाखों श्रद्धालु पहुंचे. चित्रकूट में श्रद्धालु कामदगिरी की परिक्रमा कर रहे हैं,मंदाकिनी में स्नान कर भगवान मतगजेंद्र नाथ शिव की पूजा कर रहे हैं. बता दें कि कामदगिरी की परिक्रमा कर श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूर्ति की कामना करते हैं. खास बात ये है कि यूपी एमपी के एक दर्जन से अधिक जिलों से पैदल बड़ी संख्या में श्रद्धालु चित्रकूट पहुंचे हैं.


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Hariyali Amavasya 2022: हरियाली अमावस्या पर राशि अनुसार लगाएं पौधा, मिलेगी पितृ दोष से मुक्ति 


गौरतलब है कि चित्रकूट मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा पर है. चित्रकूट (Chitrakoot),जिसे संतों के स्थान के रूप में भी जाना जाता है, हिंदुओं के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है. बात दें कि चित्रकूट धाम प्राचीन तीर्थ स्थलों में से एक है. यहीं पर भगवान राम ने अपने 14 साल के वनवास के दौरान माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 11 साल तक रहे थे. इसी कारण यहां के कण-कण में भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण की स्मृतियां बसी हुई हैं. चित्रकूट धाम मंदाकनी नदी के तट पर स्थित है. एक समय में यहां अशोक के बहुत सारे पेड़ हुआ करते थे, जिसके कारण इस स्थान का नाम चित्रकूट पड़ा.



श्रावणी अमावस्या का अपना अलग ही महत्व


हिंदू धर्म में हर माह पड़ने वाली अमावस्या की तिथि का बहुत महत्व है, लेकिन सावन माह के श्रावणी या हरियाली अमावस्या का अपना अलग ही महत्व है.मान्यता है कि हरियाली अमावस्या के दिन शिव जी की पूजा पितृ के रुप में करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है.इस बार सावन माह की हरियाली अमावस्या 28 जुलाई को है.


ऐसा माना जाता है कि हरियाली अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करके गरीबों को जरूरत की चीज देने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. बता दें कि पितृ दोष एक बहुत ही बुरा दोष होता है.जिस घर में यह होता है उस घर में कभी भी कोई प्रगति नहीं होती है. ऐसे में अगर आपके घर में भी पितृ दोष है और आप पितृ दोष से मुक्ति चाहते हैं तो आपको हरियाली अमावस्या के दिन कुछ पौधे लगाने चाहिए.