नई दिल्ली: भारत का बैंकिग सेक्टर इन दिनों एक बड़ी समस्या से जुझ रहा है. एटीएम कार्ड में लगने वाली चिप पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध न होने की वजह से नए और पुराने रिन्यु होने वाले एटीएम लेने वाले उपभोक्ता परेशान है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले कई दिनों से ताइवान, जापान, चीन जैसे देशों ने एटीएम कार्ड में लगने वाली चिप के निर्यात को रोक दिया है. जो एटीएम कार्ड पहले हफ्ते से 10 दिनों में बन जाया करते थे, अब उन्हें बनने में महीनों का समय लग रहा है. देश के लगभग सभी बड़े बैंको के यूजर्स के सामने यह बड़ी समस्या है. यहां तक कि इसकी शिकायत हेल्पलाईन पर भी की जा चुकी है. बैंक अधिकारियों का कहना है कि जब बाहर से ही चिप नहीं आ रही हैं तो हम कैसे उपभोक्ता को दे सकते हैं.


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क्यों जरुरी है सिलिकॉन की चिप 


एटीएम कार्ड में मोबाइल सिम जितनी एक सिलिकान की चिप लगी होती है. इस चिप में आपके बैंक खाते से जुड़ी सभी जानकारी अपलोड होती है. एटीएम मशीन में जब कार्ड डाला जाता है तो मशीन कार्ड में लगी चिप का डेटा पढ़ती है और उस खाते से संबंधित पासवर्ड डालने पर पैसों का भुगतान करती है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक तकनीकी रुप से यह चिप काफी सुरक्षित मानी जाती है. इससे बैंकिग फ्रॉड़ होने की संभावना ना के बराबर है.


बैंकों मे अपनाया दूसरा रास्ता


आज के दौर में लगभग हर व्यक्ति इंटरनेट को उपयोग करता है इसलिए बैंकों द्वारा ऑनलाइन लेन-देन पर खासतौर पर जोर दिया जा रहा है. इसके लिए बैंक द्वारा उपभोक्ताओं को ऑनलाइन बैंकिग की जानकारी दी जाती है. इसके अलावा उपभोक्ता यूपीआई से भी लेन-देन कर सकते हैं. हालांकि ऑनलाइन सेवाओं का उपयोग न करने वालों के सामने एटीएम कार्ड की उपलब्धता न होना बड़ी मुसीबत है. जिन एटीएम कार्ड में चिप लगी है उन्हीं में परेशानी आ रही है. बिना चिप वाले कार्ड में इस तरह की समस्या नहीं है. बैंक बिना चिप वाले कार्ड ग्राहक को उपलब्ध करा रहे हैं जिस पर ग्राहक का नाम नहीं होता. इसलिए उसे खाता खुलवाने के साथ ही उपलब्ध करा दिया जाता है. यह समस्या सिर्फ चिप वाले कार्डों में आ रही है.